प्रधानमंत्री मोदी ने 18वें प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया, कहा 'भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया। उन्होंने ओडिशा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत पर प्रकाश डाला और इसे भारत की वैश्विक पहचान का प्रतीक बताया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अशोक के शांति के संदेश और भगवान बुद्ध के विचारों को वर्तमान विश्व में प्रासंगिक बताया। PM ने इस आयोजन को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी से जोड़ते हुए इसे विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया।
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INDC Network : Narendra Modi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने ओडिशा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भारत की वैश्विक पहचान का प्रतीक बताया। उन्होंने ओडिशा के प्राचीन समुद्री व्यापारिक संबंधों और धौली में स्थित शांति संदेश के महत्व पर भी जोर दिया। इस बार का आयोजन खास है, क्योंकि यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के साथ मेल खाता है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ओडिशा के धौली क्षेत्र का जिक्र किया, जहां सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद अहिंसा और शांति का मार्ग अपनाया था। उन्होंने कहा कि यह स्थान न केवल भारत के इतिहास का प्रतीक है, बल्कि दुनिया के लिए शांति और स्थिरता का संदेश भी देता है। प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध के विचारों की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए कहा, "भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है।"
उन्होंने ओडिशा के प्राचीन समुद्री व्यापारिक संबंधों पर भी बात की, जहां व्यापारी बाली, सुमात्रा और जावा जैसे क्षेत्रों में गए थे। उन्होंने इस परंपरा को सम्मानित करने के लिए मनाए जाने वाले बाली यात्रा उत्सव का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने 9 जनवरी की ऐतिहासिक महत्ता पर भी प्रकाश डाला। 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी। उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम की सफलता का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दृष्टि को दिया और उनकी वैश्विक सोच को याद किया।
इस बार प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन ओडिशा सरकार के सहयोग से भुवनेश्वर में किया जा रहा है। इसका थीम "प्रवासी भारतीयों का योगदान - विकसित भारत" है। 50 से अधिक देशों से आए भारतीय प्रवासी इस आयोजन में भाग ले रहे हैं, जो भारत के विकास में उनके योगदान को रेखांकित करता है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और वैश्विक प्रभाव को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। उनके विचार भारत की विश्व शांति और स्थिरता की भूमिका को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
तिथि | स्थान | प्रमुख बिंदु |
---|---|---|
8-10 जनवरी 2025 | भुवनेश्वर, ओडिशा | 18वां प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन। |
उद्घाटनकर्ता | नरेंद्र मोदी | ओडिशा की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और वैश्विक विरासत पर जोर। |
थीम | विकसित भारत का निर्माण | प्रवासी भारतीयों के योगदान को रेखांकित करना। |
प्रवासी भारतीय दिवस 2025 के प्रमुख बिंदु
- स्थान: ओडिशा सरकार के सहयोग से भुवनेश्वर।
- थीम: "प्रवासी भारतीयों का योगदान - विकसित भारत।"
- प्रतिभागी: 50 से अधिक देशों से भारतीय प्रवासी।
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