अतरंजी खेड़ा में ऐतिहासिक बैरंजा बुद्ध महोत्सव का सफल आयोजन : क्या यह बनेगा अगला बौद्ध तीर्थ स्थल?
उत्तर प्रदेश के एटा जिले में अतरंजी खेड़ा में पहली बार बैरंजा बुद्ध महोत्सव का आयोजन किया गया। यह महोत्सव अपेक्षा से अधिक सफल रहा, जहां 10 से 12 जिलों से हजारों बौद्ध अनुयायी पहुंचे। आयोजन की सफलता को देखते हुए इस क्षेत्र को भविष्य में एक प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल बनाने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।

INDC Network : एटा, उत्तर प्रदेश : अतरंजी खेड़ा में ऐतिहासिक बैरंजा बुद्ध महोत्सव का सफल आयोजन : क्या यह बनेगा अगला बौद्ध तीर्थ स्थल?
बैरंजा बुद्ध महोत्सव: पहली बार में ही ऐतिहासिक सफलता
उत्तर प्रदेश के एटा जिले के अतरंजी खेड़ा में पहली बार बैरंजा बुद्ध महोत्सव का आयोजन किया गया, जो अपेक्षा से अधिक भव्य और सफल रहा। इस महोत्सव में सैकड़ों कार्यकर्ताओं और बौद्ध अनुयायियों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की और इस ऐतिहासिक आयोजन की भव्य सफलता का जश्न मनाया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष संजय शाक्य ने कहा कि यह आयोजन उनकी उम्मीदों से कहीं अधिक सफल रहा। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी संख्या में लोग इस आयोजन में भाग लेंगे। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि बुद्धस्थली अतरंजी खेड़ा में हजारों श्रद्धालु पहुंचे।"
(कार्यक्रम के दौरान उपस्तिथ बौद्ध अनुयायी)
राजनीतिक और सांस्कृतिक दिग्गजों की मौजूदगी
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एटा लोकसभा सांसद देवेश शाक्य, विधायक नादिरा सुल्तान, विधायक वीरेंद्र लोधी थे। इसके अलावा, क्षेत्रीय नेता इस आयोजन में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध कथावाचक और गायक कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। प्रमुख कलाकारों में शामिल थे:
कलाकार का नाम | भूमिका |
---|---|
मनोज कुमार ब्लास्टर | कथावाचक |
अमलेश बौद्ध | कथावाचक |
आनंद पागल | गायक |
अभी शाक्य | गायक |
अरुणिता बौद्ध | गायक |
इन सभी कलाकारों ने अपने कला कौशल से मंच की शोभा बढ़ाई और श्रद्धालुओं को बुद्ध के आदर्शों और शिक्षाओं से परिचित कराया।
सोशल मीडिया और लाइव प्रसारण का प्रभाव
इस महोत्सव को कई सोशल मीडिया चैनलों ने लाइव प्रसारित किया। इसके अलावा, INDC नेटवर्क के मुख्य संवाददाता अर्पित शाक्य को भी जनता के समक्ष अपने विचार रखने का मौका मिला और उन्हें सम्मानित किया गया।
साथ ही, मेला कमेटी की पूरी टीम को इस सफल आयोजन के लिए सम्मानित किया गया।
(कार्यक्रम के दौरान INDC Network मुख्य संवाददाता अर्पित शाक्य को सम्मानित करते रविकांत शाक्य)
बौद्ध अनुयायियों का विशाल संगम
इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश के 10 से 12 जिलों से हजारों बौद्ध अनुयायी पहुंचे, जिससे यह साबित होता है कि बौद्ध धर्म के प्रति श्रद्धालु गहरी आस्था रखते हैं।
उपस्थित जिलों के नाम |
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एटा |
फर्रुखाबाद |
कासगंज |
बदायूं |
अलीगढ़ |
मथुरा |
आगरा |
बदायूँ |
फिरोजाबाद |
इटावा |
बरेली |
यह भी संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में देश-विदेश से भी श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल होंगे।
क्या अतरंजी खेड़ा बनेगा अगला बौद्ध तीर्थ स्थल?
गौरतलब है कि अतरंजी खेड़ा का यह स्थल पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है। इस स्थान के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए आने वाले समय में इसे और अधिक विकसित किया जाएगा।
संभावित विकास कार्य:
- बौद्ध स्तूप और ध्यान केंद्रों का निर्माण
- प्रसिद्ध बौद्ध महोत्सवों की वार्षिक रूप से मेजबानी
- अंतरराष्ट्रीय बौद्ध समुदाय को आकर्षित करने के लिए प्रचार
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत संरचना का विकास
अगर यह कार्य योजनाबद्ध तरीके से किए जाते हैं, तो अतरंजी खेड़ा जल्द ही उत्तर भारत के प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थलों में शामिल हो सकता है।
फर्रुखाबाद के संकिसा से तुलना: क्या इतिहास दोहराया जाएगा?
फर्रुखाबाद का संकिसा हर साल देश-विदेश से हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। वहां बुद्ध महोत्सव का आयोजन बड़े स्तर पर होता है, और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध समुदाय भी वहां भाग लेता है।
अगर अतरंजी खेड़ा को भी संकिसा की तरह विकसित किया जाता है, तो यह स्थान एक महत्वपूर्ण बौद्ध पर्यटन स्थल बन सकता है।
भविष्य की योजनाएं और सरकार से अपेक्षाएं
महोत्सव की सफलता को देखते हुए, आयोजक और कार्यकर्ता अब इस आयोजन को हर साल और भी बड़े स्तर पर आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए सरकार और प्रशासन से सहयोग की भी मांग की जा रही है।
अगर उचित विकास और प्रचार-प्रसार किया जाए, तो अतरंजी खेड़ा भारत के प्रमुख बौद्ध स्थलों में अपनी जगह बना सकता है।
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