10वीं में 71 फीसदी अंक मिले, फिर भी छात्रा ने की आत्महत्या, घर में मचा कोहराम
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में 10वीं बोर्ड परीक्षा में 71 फीसदी अंक आने के बाद एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। घरवालों ने जब शव को फंदे से लटकता देखा तो पूरे घर में कोहराम मच गया। पांच साल पहले पिता की मृत्यु के बाद से मां ही बच्चों का पालन-पोषण कर रही थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है।

INDC Network : सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश : 71 फीसदी अंकों से थी नाखुश, फांसी लगाकर दी जान
सुल्तानपुर जिले के कूरेभार कस्बे में रहने वाली छात्रा अंजू यादव ने हाईस्कूल परीक्षा परिणाम से नाखुश होकर शनिवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शुक्रवार को बोर्ड परीक्षा का परिणाम आया था जिसमें अंजू को 71 फीसदी अंक प्राप्त हुए थे। उम्मीद से कम अंक आने के कारण वह मानसिक रूप से काफी परेशान थी।

घर में अकेली थी, मां और भाई-बहन के लौटने पर सामने आया दिल दहला देने वाला दृश्य
शनिवार को जब अंजू की मां रीता, भाई ओम और बहन अंशिका घर वापस लौटे तो उन्होंने अंजू को पंखे से दुपट्टे के सहारे लटका हुआ पाया। यह दृश्य देखकर पूरे परिवार में चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोग भी शोर सुनकर मौके पर इकट्ठा हो गए।
पुलिस जांच में जुटी, सुसाइड नोट नहीं मिला
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। थानाध्यक्ष रवींद्र सिंह के मुताबिक प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है। हालांकि, घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
पिता की मौत के बाद मां अकेले संभाल रही थी परिवार
गांव वालों ने बताया कि अंजू के पिता रामसूरत यादव की करीब पांच वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी थी। इसके बाद से उसकी मां रीता अकेले तीन बच्चों का पालन-पोषण कर रही थीं। अंजू तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं बताई जा रही है।
समाज में बढ़ते दबाव और अवसाद पर सवाल
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से समाज में परीक्षा परिणामों को लेकर बच्चों पर बनने वाले अनावश्यक दबाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सिर्फ अंकों के कारण बच्चों का इस तरह जीवन समाप्त कर लेना एक गंभीर सामाजिक चिंता का विषय बन गया है।
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