69,000 शिक्षक भर्ती घोटाले से उजागर हुआ बेसिक शिक्षा विभाग का बेरहम और पक्षपाती चेहरा
प्रगतिशील समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर सुनील कुशवाहा ने उत्तर प्रदेश की 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार पर मेहनती और योग्य अभ्यर्थियों को नियमों के बहाने बाहर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यशैली को अपारदर्शी, पक्षपाती और छात्र विरोधी बताया। यह सिर्फ एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि हजारों युवाओं के भविष्य से किया गया क्रूर मजाक है।

INDC Network : प्रयागराज, उत्तर प्रदेश : 69,000 शिक्षक भर्ती घोटाले से उजागर हुआ बेसिक शिक्षा विभाग का बेरहम और पक्षपाती चेहरा
बेसिक शिक्षा विभाग की भूमिका पर बड़ा आरोप
69,000 शिक्षक भर्ती में जिस तरह हजारों अभ्यर्थियों को “अयोग्यता” के बहाने बाहर किया गया है, उसे लेकर राज्य में शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। इस मुद्दे को सबसे मुखर होकर उठाया है प्रगतिशील समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर सुनील कुशवाहा ने। उनका कहना है कि यह केवल एक प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा है।

नियमों की आड़ में योग्य अभ्यर्थियों की विदाई
इंजी. कुशवाहा ने कहा कि योग्यता और मेहनत के बल पर चयनित अभ्यर्थियों को नियमों के बहाने बाहर का रास्ता दिखाया गया। सरकार का यह रवैया युवाओं के सपनों को रौंदने जैसा है। एक तरफ योगी सरकार बेरोजगारी हटाने के दावे करती है, वहीं दूसरी ओर ऐसी नीतियाँ लागू की जा रही हैं, जो प्रतिभा को दफना देती हैं।
शर्मनाक है बेसिक शिक्षा विभाग की भूमिका
उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह विभाग पारदर्शिता, जवाबदेही और न्याय की बात तो करता है, लेकिन उसके भीतर मनमानी और अपारदर्शिता चरम पर है। चयन प्रक्रिया में पक्षपात और भेदभाव अब आम हो गया है। हजारों युवाओं का करियर अधर में लटका हुआ है और सरकार खामोश तमाशाई बनी हुई है।
सरकार की कथनी-करनी में फर्क
इंजी. कुशवाहा ने कहा, "योगी सरकार बेरोजगारी दूर करने की बात करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। जिन अभ्यर्थियों ने दिन-रात मेहनत कर परीक्षा पास की, उन्हें तकनीकी कारणों से बाहर करना अन्याय है।"
पारदर्शी जांच और न्याय की मांग
उन्होंने मांग की कि इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए। सभी चयनित अभ्यर्थियों को पुनः सूचीबद्ध कर उनकी नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। अगर सरकार वास्तव में युवाओं के प्रति ईमानदार है, तो उसे इस भर्ती प्रक्रिया की पुनर्समीक्षा करनी चाहिए।
कुशवाहा की अपील
प्रगतिशील समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने छात्रों, युवाओं और बेरोजगारों से अपील की कि वे इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद करें। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि सरकार नहीं जागी, तो आंदोलन की राह अपनाई जाएगी।
डाटा टेबल: भर्ती और विवाद का सच
विषय | विवरण |
---|---|
भर्ती का नाम | 69,000 शिक्षक भर्ती |
विवाद का कारण | अयोग्यता के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों को बाहर किया गया |
आरोप लगाने वाले | इंजी. सुनील कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रगतिशील समाज पार्टी |
सरकार पर आरोप | पक्षपात, अपारदर्शिता, छात्र-विरोधी रवैया |
विभाग का नाम | बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश |
मांग | पारदर्शी जांच और योग्य अभ्यर्थियों की बहाली |
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