गंगा में डूबे इंस्पेक्टर के बेटे का शव 600 मीटर दूर मिला: गोताखोरों ने रेत में दबा शव निकाला

संभल जिले के गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र में गंगा स्नान करने आए पुलिस इंस्पेक्टर के 27 वर्षीय बेटे की डूबने से मौत हो गई।बदायूं जिले के इस्लामनगर थाना क्षेत्र के सिठोली गांव निवासी इंस्पेक्टर नरेंद्र का बेटा कुलदीप मंगलवार को अपने चचेरे भाई के साथ गंगा नहाने गया था।स्नान के दौरान पैर फिसलने से वह गहरे पानी में चला गया और डूब गया।स्थानीय गोताखोरों और एसडीआरएफ की टीम ने 24 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसके बाद शव 600 मीटर दूर गंगा की रेत में दबा मिला।गोताखोरों ने शव को बाहर निकाला, लेकिन परिजनों ने कोई पुलिस कार्रवाई नहीं कराई और शव को घर ले गए।

Apr 3, 2025 - 20:58
May 15, 2025 - 18:24
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गंगा में डूबे इंस्पेक्टर के बेटे का शव 600 मीटर दूर मिला: गोताखोरों ने रेत में दबा शव निकाला

INDC Network :संभल, उत्तर प्रदेश : गर्मी बढ़ने के साथ ही गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ रही है।

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बदायूं जिले के इस्लामनगर थाना क्षेत्र के सिठोली गांव निवासी कुलदीप (27) भी मंगलवार को अपने चचेरे भाई के साथ संभल जिले के गुन्नौर स्थित राजघाट गंगा स्नान के लिए गया था।

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स्नान के दौरान उसका पैर फिसल गया, जिससे वह गहरे पानी में चला गया और डूब गया।

देखते ही देखते कुलदीप लहरों में समा गया, चचेरे भाई ने शोर मचाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।


गोताखोरों और एसडीआरएफ ने 24 घंटे तक चलाया सर्च ऑपरेशन

घटना के बाद से ही स्थानीय गोताखोर और एसडीआरएफ की टीम लगातार सर्च ऑपरेशन में जुट गई।

गोताखोरों ने पारंपरिक तरीके से लकड़ी की नाव और कांटों की मदद से खोजबीन शुरू की।

एसडीआरएफ की टीम ने भी मोटरबोट से राजघाट से लेकर नरोरा तक तलाश अभियान चलाया।

करीब 24 घंटे बाद शव 600 मीटर दूर गंगा की सतह में दबा मिला।


रेत में धंसे थे हाथ-पैर, मगरमच्छों के डर से कठिनाई आई

गोताखोर चींटा और मोहनलाल ने बताया कि कुलदीप के हाथ और पैर गंगा की सतह में रेत में धंसे हुए थे।

गंगा में मगरमच्छों की मौजूदगी के कारण गोताखोर 500 मीटर से आगे जाने में हिचकिचा रहे थे।

इसके बावजूद उन्होंने आधे घंटे की मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला।


परिजनों ने पुलिस कार्रवाई से किया इनकार

शव मिलने के बाद परिजन बेहद गमगीन हो गए।

उन्होंने किसी भी प्रकार की पुलिस कार्रवाई से इनकार कर दिया और शव को लेकर अपने गांव लौट गए।

गुन्नौर कोतवाली के थानाध्यक्ष अखिलेश प्रधान ने बताया कि परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई, इसलिए मामला दर्ज नहीं किया गया।


हर साल होती हैं ऐसी घटनाएं, फिर भी लोग बरतते हैं लापरवाही

गर्मी के मौसम में हर साल इस तरह की घटनाएं होती हैं, लेकिन लोग गंगा में नहाने के दौरान सतर्कता नहीं बरतते।

प्रशासन बार-बार चेतावनी जारी करता है, फिर भी श्रद्धालु गहरे पानी में चले जाते हैं।

ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए?

परिवारों को भी अपने बच्चों को गंगा में सुरक्षित स्नान करने के लिए जागरूक करना चाहिए।

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Arpit Shakya नमस्कार! मैं अर्पित शाक्य, INDC Network का मुख्य संपादक हूँ। मेरा उद्देश्य सूचनाओं को जिम्मेदारी और निष्पक्षता के साथ आप तक पहुँचाना है। INDC Network पर मैं स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों को आपकी भाषा में सरल, तथ्यपरक और विश्वसनीय रूप में प्रस्तुत करता/करती हूँ। पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा विश्वास है कि हर खबर का सच सामने आना चाहिए, और यही सोच मुझे जनहित से जुड़ी खबरों की तह तक जाने के लिए प्रेरित करती है। चाहे वह गाँव की आवाज़ हो या देश की बड़ी हलचल – मेरा प्रयास रहता है कि आपके सवालों को मंच मिले और जवाब मिलें। मैंने INDC Network को एक ऐसे डिजिटल मंच के रूप में तैयार किया है, जहाँ लोकल मुद्दों से लेकर ग्लोबल घटनाओं तक हर आवाज़ को जगह मिलती है। यहाँ मेरी प्रोफ़ाइल के माध्यम से आप मेरे द्वारा लिखे गए समाचार, लेख, इंटरव्यू और रिपोर्ट्स पढ़ सकते हैं।