गोरखपुर में टूटी विरासत की दीवार! तिवारी हाता पर चला बुलडोज़र, मचा सियासी बवाल
गोरखपुर के तिवारी हाता की बाउंड्री दीवार सोमवार रात तोड़ी जानी शुरू हो गई। नगर निगम की सड़क चौड़ीकरण योजना के तहत डेढ़ फीट जमीन अधिग्रहित की गई है। पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी का पुश्तैनी मकान अब विरासत गलियारे की राह में आ गया है। वहीं, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस कार्रवाई को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है।

INDC Network : गोरखपुर, उत्तर प्रदेश : गोरखपुर में तिवारी हाता की दीवार टूटी, विरासत गलियारा बना विवाद का केंद्र
गोरखपुर के पांडेयहाता रोड पर नगर निगम की महत्वाकांक्षी सड़क चौड़ीकरण योजना अब राजनीतिक गर्मी का कारण बन गई है। सोमवार रात को शहर के चर्चित तिवारी हाता की बाउंड्री दीवार तोड़े जाने की शुरुआत हुई, जिसने पूरे शहर में चर्चा छेड़ दी है।
विरासत गलियारे के लिए डेढ़ फीट दीवार गिराई गई
नगर निगम ने शहर में धर्मशाला पुल से लेकर पांडेयहाता तक 4 किलोमीटर लंबे विरासत गलियारे के निर्माण की योजना बनाई है। इस गलियारे की चौड़ाई 16.5 मीटर निर्धारित की गई है। इसके लिए दोनों ओर से डेढ़ फीट जमीन अधिग्रहित की जा रही है।
तिवारी हाता की दीवार पर पीली पट्टी लगाकर पहले ही उसे चिन्हित कर दिया गया था। सोमवार रात मजदूरों ने नगर निगम और पुलिस की मौजूदगी में दीवार को गिराना शुरू कर दिया।
जेसीबी अभी भी तैयार, पर हाथ मजदूरों का चला
शुक्रवार को नगर निगम ने जेसीबी मंगाई थी लेकिन अभी तक मशीन से विधिवत तोड़ाई शुरू नहीं हुई है। फिलहाल, मजदूर ही दीवार गिरा रहे हैं।
पुश्तैनी मकान पर चला बुलडोज़र, सियासत गरमाई
यह मकान पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी का पुश्तैनी आवास है, जिसमें उनका परिवार वर्षों से निवास कर रहा है। तिवारी हाता सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि एक राजनीतिक पहचान रहा है।
अखिलेश यादव का तीखा वार
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा:
"जिस पर हुआ वार, उसी को किया गिरफ़्तार
सब देख रहे हैं जुल्मी सरकार का अत्याचार
‘हाता नहीं भाता’ से भी आगे बढ़कर आया ये ‘उनका’ और भी एडवांस संस्करण है : ‘हातावाला कोई भी नहीं भाता’
पीड़ित कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!"
अखिलेश यादव का यह बयान साफ संकेत करता है कि सपा इसे चुनावी मुद्दा बनाने से नहीं चूकेगी।
मकानों का टूटना जारी, निर्माण अभी बाकी
जटायु चौक से पांडेयहाता तक अब भी निर्माण शुरू नहीं हुआ है, लेकिन मकानों का गिरना जारी है। नगर निगम की मानें तो विरासत गलियारे के निर्माण में किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा।
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