आजमगढ़ थाने में मौत या हत्या? सनी की बहन बोली- पुलिस ने मारकर लटकाया!
आजमगढ़ के तरवां थाना परिसर में 30 मार्च को संदिग्ध परिस्थितियों में सनी कुमार का शव टॉयलेट की खिड़की से लटका मिला। पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है, जबकि परिवार हत्या का आरोप लगा रहा है। पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे, लापरवाहियों के कारण भारी बवाल हुआ। BJP, सपा, बसपा और कांग्रेस ने मुआवजे और जांच की मांग की। DIG व SSP ने देर रात पहुंचकर स्थिति संभाली।

INDC Network : आजमगढ़, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के तरवां थाने में 30 मार्च को एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। 22 वर्षीय सनी कुमार का शव थाना परिसर के टॉयलेट की खिड़की से लटका मिला। पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है, लेकिन परिवार का आरोप है कि पुलिस ने सनी को मारकर लटका दिया।
परिवार का आरोप: 'भाई को पुलिस ने मारा और लटका दिया'
सनी की बहन जानकी ने कहा, "कोई 4 फीट ऊंची खिड़की से फांसी कैसे लगा सकता है? हमें बिना बताए शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। अगर कोई गड़बड़ नहीं थी तो पुलिस वाले थाने से भागे क्यों?" परिवार का आरोप है कि पुलिस ने सनी को अवैध रूप से हिरासत में रखा और बेरहमी से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी।

पुलिस हिरासत में मौत के बाद भड़का गुस्सा, हिंसा और पथराव
सनी की संदिग्ध मौत के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया। गुस्साए लोगों ने 18 घंटे तक थाने का घेराव किया, पथराव और आगजनी की। इस दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ और एक इंस्पेक्टर का पैर टूट गया। स्थिति को काबू में करने के लिए 12 थानों की पुलिस फोर्स और PAC तैनात करनी पड़ी।
पुलिस की लापरवाही: बिना लिखापढ़ी के हिरासत, बिना बताए पोस्टमॉर्टम
गिरफ्तारी में लापरवाही: शिकायत 28 मार्च को हुई थी, लेकिन पुलिस ने 29 मार्च की रात 8 बजे बिना कोई केस दर्ज किए सनी को उसके घर से उठा लिया।
बिना जानकारी के हिरासत: 30 मार्च को पूरा दिन सनी को थाने में रखा गया, परिजनों को मिलने नहीं दिया गया।
पोस्टमॉर्टम से पहले परिजनों को नहीं बताया: परिवार का दावा है कि पुलिस ने उन्हें सूचना दिए बिना शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
भीड़ को रोकने में नाकामी: पुलिस समय रहते हालात का अंदाजा नहीं लगा पाई, जिससे हिंसा भड़क गई।
सियासी बवाल: BJP, सपा, बसपा और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
BJP नेताओं ने कंधा दिया: बीजेपी जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अखिलेश मिश्रा ने सनी की लाश को कंधा दिया और पुलिस पर कार्रवाई की मांग की।
सपा ने CID जांच की मांग की: सपा नेताओं ने कहा कि यूपी पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता, इसलिए CID जांच होनी चाहिए।
बसपा की CBI जांच और 50 लाख मुआवजे की मांग: बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने CBI जांच और परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने की मांग की।
कांग्रेस ने हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की बात कही: प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि पूरे प्रदेश में पुलिस जंगलराज चला रही है और हाईकोर्ट के जज की निगरानी में जांच होनी चाहिए।
पुलिस पर हत्या की FIR, थाने का पूरा स्टाफ सस्पेंड
परिवार के भारी विरोध के बाद 31 मार्च की रात थाना प्रभारी कमलेश कुमार पटेल, दरोगा शाहिद और कुछ अन्य पुलिसकर्मियों पर हत्या की FIR दर्ज की गई। ADG पीयूष मोर्डिया और SSP हेमराज मीणा ने पूरे मामले की समीक्षा की और लापरवाही के आरोप में थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
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