बदायूं में 36 घंटे से धधक रही मेंथा फैक्ट्री, सिलेंडर घरों में गिरे, मजदूर लापता
बदायूं के उझानी कस्बे में स्थित 'भारत मिंट एंड एलाइड केमिकल्स' में 36 घंटे से भीषण आग लगी हुई है। 6 गांवों की 20 हजार आबादी प्रभावित है, कई लोगों के घरों में सिलेंडर और धातु के टुकड़े गिरे हैं। एक मजदूर लापता है और करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई है। आग पर 90% काबू पाया जा चुका है लेकिन मलबे में एक मजदूर के शव की आशंका बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस लगातार बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

INDC Network : बदायूं, उत्तर प्रदेश : 36 घंटे से जारी तबाही: आग पर 90% काबू, लेकिन खतरा अब भी बरकरार
बदायूं जिले के उझानी कस्बे में दिल्ली- बदायूं हाईवे के किनारे स्थित ‘भारत मिंट एंड एलाइड केमिकल्स’ नामक मेंथा फैक्ट्री में भीषण आग ने पूरे इलाके को दहला दिया है। आग बुझाने का कार्य 36 घंटे बाद भी जारी है।

6 गांवों की 20 हजार आबादी प्रभावित
फैक्ट्री के आसपास बसे 6 गांवों की 20 हजार की आबादी को सुरक्षित निकालना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती रही। लोग अपना कीमती सामान लेकर किसी रिश्तेदार के यहां, रेलवे स्टेशन या सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर हुए।
हवा में उड़े सिलेंडर, घरों और खेतों में गिरे टुकड़े
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह चार बजे जोरदार धमाका हुआ और बड़े-बड़े धातु के टुकड़े उड़कर घरों और खेतों में गिरे। कई लोगों की फसल और उपले जल गए। रितेश मौर्य और वीरपाल जैसे कई लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा।
एक मजदूर लापता, परिजनों से पुलिस की झड़प
मुजरिया थाना क्षेत्र के बिचौला गांव निवासी मुनेंद्र नाम का मजदूर आग लगने के बाद से लापता है। परिजनों का आरोप है कि वह आग में फंसकर बाहर नहीं निकल सका। जब परिजनों ने फैक्ट्री में जाकर उसकी तलाश करनी चाही तो पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए उन्हें वहां से हटाया।
फैक्ट्री मालिक बोले- चार दिन पहले ही खत्म हुआ इंश्योरेंस
फैक्ट्री मालिक के पिता विजेंद्र गोयल ने बताया कि तेज आंधी में स्ट्रक्चर गिरने से आयल निकला और आग लग गई। फैक्ट्री का इंश्योरेंस चार दिन पहले ही खत्म हुआ था। लगभग 100 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसमें 50 करोड़ की मशीनें और स्ट्रक्चर शामिल हैं।
अफसरों का बयान: राहत कार्य जारी, आग का कारण जांच के बाद स्पष्ट होगा
डीएम अवनीश राय और एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह ने बताया कि आग पर 90% काबू पा लिया गया है और बाकी रेस्क्यू कार्य जारी है। आग का कारण मलबा हटने के बाद ही स्पष्ट होगा।
यह रहा "मेंथा फैक्ट्री में आग की टाइमलाइन"
समय | घटना |
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रात 9:30 बजे | तेज आंधी आई |
रात 9:45 बजे | चिमनी से लपटें उठने लगीं |
रात 10:00 बजे | 14 मंज़िला बॉयलर (चिमनी) में आग तेज हो गई |
रात 10:10 बजे | चिमनी गिर गई |
रात 10:15 बजे | पूरी फैक्ट्री में आग फैल गई, मज़दूर भागकर बाहर आए |
रात 10:30 बजे | फायर टीम ने आसपास के जिलों से दमकल बुलवाई |
रात 11:00 बजे | आग ने पूरी फैक्ट्री को चपेट में ले लिया |
रात 12:00 बजे | फैक्ट्री में रखे नाइट्रोजन सिलेंडरों में विस्फोट शुरू हुआ |
रात 12:30 बजे | फैक्ट्री का एक वाटर टावर आग से पिघलकर गिरा |
रात 1:00 बजे | डायवर्जन और रेस्क्यू के लिए अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई |
सुबह 3:00 बजे | डीएम और एसएसपी दोबारा मौके पर पहुँचे |
सुबह 5:00 बजे | एक और तेज धमाका हुआ, लोग घर छोड़कर भागने लगे |
सुबह 5:30 बजे | अफसरों ने मज़दूरों से अनाउंस कराकर लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया |
सुबह 10:00 बजे | 60% आग पर काबू पाया गया |
दोपहर 1:00 बजे | डीएम अवनीश राय मौके पर पहुँचे, मज़दूर के लापता होने की जानकारी दी गई |
दोपहर 3:00 बजे | फैक्ट्री के मालिक मनोज गोयल और पिता विजेंद्र गोयल पहुँचे, आग लगने का कारण बताया |
शाम 7:00 बजे | परिजनों और पुलिस की झड़प हो गई |
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