102 एम्बुलेंस सेवा ने बचाई महिला की जान, ईएमटी की तत्परता बनी जीवन रक्षक मिसाल
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल महिला की जान 102 एम्बुलेंस सेवा के ईएमटी दीपेन्द्र कुमार और पायलट राघवेंद्र तिवारी की तत्परता से बच गई। क्रिटिकल स्थिति में जिला अस्पताल ले जाते समय ई.आर.सी.पी. डॉक्टर की सलाह पर प्राथमिक उपचार दिया गया, जिससे महिला की जान बच सकी। यह घटना 102 एम्बुलेंस सेवा की त्वरित और समर्पित सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण बनी है।

INDC Network : औरैया, उत्तर प्रदेश : हादसे में घायल महिला की 102 एम्बुलेंस सेवा ने बचाई जान
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में सड़क दुर्घटना के एक गंभीर मामले में 102 एम्बुलेंस सेवा के कर्मचारियों ने मानवता और सेवा का असाधारण उदाहरण पेश किया।

हादसे की सूचना मिलते ही सक्रिय हुई 102 एम्बुलेंस सेवा
घटना शहर क्षेत्र की है, जहां निर्मला देवी (उम्र 42 वर्ष), पत्नी श्री गोविंद, सड़क दुर्घटना का शिकार हो गईं। राहगीरों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर 102 एम्बुलेंस सेवा के अंतर्गत संचालित एम्बुलेंस UP32FG1968 तत्काल घटनास्थल पर पहुंची।
ईएमटी दीपेन्द्र कुमार और पायलट राघवेंद्र तिवारी का सराहनीय कार्य
एम्बुलेंस में तैनात ईएमटी (आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन) दीपेन्द्र कुमार और वाहन पायलट राघवेंद्र तिवारी ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए महिला को प्राथमिक उपचार देना शुरू किया। केस को "क्रिटिकल" कैटेगरी में चिह्नित किया गया और मरीज को तत्काल जिला अस्पताल औरैया ले जाया गया।
ई.आर.सी.पी. डॉक्टर की सलाह से मिला सही उपचार
एम्बुलेंस में ही ईएमटी ने ई.आर.सी.पी. डॉक्टर सौरभ दीक्षित से संपर्क कर सलाह प्राप्त की और घायल महिला को चलते एम्बुलेंस में प्राथमिक उपचार दिया गया। यह चिकित्सा हस्तक्षेप समय पर हुआ जिससे महिला की जान बचाई जा सकी।
लोगों ने की सेवा की सराहना, अधिकारियों ने जताया गर्व
घटना स्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों ने 102 और 108 एम्बुलेंस सेवा की सराहना की और कहा कि इन सेवाओं की तत्परता ने एक जीवन बचाया।
वहीं, एम्बुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर अखिलेश मिश्रा और जिला प्रभारी बृजेश कुमार ने ईएमटी और पायलट की सराहना करते हुए कहा,
“ईएमटी कर्मचारी समाज के लिए एक आदर्श बनकर उभरे हैं, जो हर कठिन परिस्थिति में तत्पर रहते हैं।”
102 एम्बुलेंस सेवा की यह घटना दर्शाती है कि किस प्रकार सही समय पर लिए गए निर्णय और सेवा-भाव से भरे कर्मचारी आम जनता के जीवन के रक्षक बन सकते हैं। इस प्रकार की घटनाएं स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में विश्वास को और मजबूत करती हैं।
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