सीतापुर न्यूज़-तीखे सवालों के घेरे में सीतापुर जिला अस्पताल: 12 बजे के बाद क्यों रुक जाती हैं जांचें?
सीतापुर जिला अस्पताल में दोपहर 12 बजे के बाद जांच सेवाएं लगभग बंद हो जाती हैं। मरीज एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी जैसी आवश्यक जांच नहीं करवा पाते, जिससे उन्हें बिना इलाज के लौटना पड़ता है। गर्मी और भीड़ के बीच कर्मचारी जांच करने से मना कर देते हैं। प्रशासन लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन दे रहा है, लेकिन मरीजों को राहत कब मिलेगी, यह बड़ा सवाल है।

INDC Network : सीतापुर, उत्तर प्रदेश : दोपहर के बाद क्यों हो जाती हैं जांच सेवाएं ठप?
सीतापुर जिला अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों को अब समय की सख्त पाबंदी का सामना करना पड़ रहा है। 12 बजे के बाद अस्पताल में किसी भी तरह की जांच कराना लगभग असंभव हो जाता है। चाहे वो पैथोलॉजी हो, डिजिटल एक्सरे हो या अल्ट्रासाउंड—हर जगह मरीजों को यही जवाब मिलता है: "अब सिर्फ रिपोर्ट बनेगी, जांच कल होगी।"

मरीजों की भीड़, लेकिन जांच नहीं
गर्मी के मौसम में जिला अस्पताल पहले से ही अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है। बुधवार को अस्पताल के हर जांच कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी कतारें देखी गईं। मरीज किसी तरह डॉक्टर को दिखा लेते हैं, लेकिन जब जांच की बारी आती है तो दोपहर 12 बजे के बाद उन्हें मना कर दिया जाता है।
रिपोर्ट बनेगी, जांच नहीं होगी
अस्पताल स्टाफ का कहना है कि दोपहर 12 बजे के बाद केवल रिपोर्टिंग का कार्य होता है, जांच नहीं। मरीजों का कहना है कि जब वो किसी भी समय अस्पताल आएं, उन्हें इलाज और जांच की सुविधा मिलनी चाहिए, लेकिन यहां नियम कुछ और ही हैं।
रेडियोलोजिस्ट कोर्ट में, अल्ट्रासाउंड ठप
अस्पताल का अल्ट्रासाउंड कक्ष तो सबसे बड़ी परेशानी का कारण बन चुका है। यहां अक्सर एक तख्ती टंगी मिलती है—“आज अल्ट्रासाउंड नहीं होगा, डॉक्टर कोर्ट में हैं।”
मरीजों का कहना है कि यह रोज का बहाना बन चुका है। रेडियोलोजिस्ट का कोर्ट में साक्ष्य देने जाना अब जांच रोकने का नया कारण बन गया है।
मरीजों की आपबीती
“आज डॉक्टर को दिखाया, कल होगी जांच”
कोट मोहल्ला निवासी इसरार ने बताया कि उन्हें बुखार है। डॉक्टर ने जांच लिख दी लेकिन लैब में 12 बजे के बाद जांच करने से इनकार कर दिया गया।
“हाथ में दर्द आज, एक्सरे कल होगा!”
नैपालापुर के रमेश ने बताया कि उनके मरीज कौशल को हाथ में दर्द है, लेकिन डिजिटल एक्सरे अगले दिन होगा। “आज दर्द है, एक्सरे कल—ये कैसा सिस्टम है?” रमेश ने सवाल उठाया।
प्रशासन का जवाब
डॉ. इंदर सिंह, सीएमएस, का कहना है:
"हमारा प्रयास रहता है कि सभी मरीजों की जांच समय पर हो। यदि किसी कर्मचारी की लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
अस्पताल में मरीजों की स्थिति (Data Table)
समस्या | विवरण |
---|---|
जांच समय | सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक |
12 बजे के बाद स्थिति | केवल रिपोर्ट बनती है, नई जांच नहीं होती |
सबसे ज्यादा शिकायतें | अल्ट्रासाउंड और डिजिटल एक्सरे कक्ष से |
रोज का बहाना | "रेडियोलोजिस्ट कोर्ट में हैं", "कल आना होगा" |
मरीजों की प्रतिक्रिया | अत्यधिक असंतोष, बार-बार लौटने की मजबूरी |
प्रशासन की प्रतिक्रिया | "लापरवाही पर कार्रवाई होगी" |
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