शशि थरूर ने पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी, कहा- 'हमें मारना आता है, समझदारी से'
पहलगाम हमले में मारे गए 26 निर्दोष लोगों के बाद भारत ने सख्त और संतुलित कार्रवाई की। अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत ने नौ आतंकी अड्डों पर सटीक हमला कर यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंक के खिलाफ अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। थरूर ने कहा कि सरकार का हिस्सा न होते हुए भी वह इस कार्रवाई के समर्थक हैं। साथ ही, उन्होंने बताया कि पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ का नाम हटवाकर एक बार फिर अपनी भूमिका स्पष्ट की है। थरूर के नेतृत्व में पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने 9/11 मेमोरियल से एकजुटता का संदेश भी दिया।

INDC Network : न्यूयॉर्क : पहलगाम हमला: थरूर ने बताया भारत का कड़ा लेकिन संतुलित जवाब
न्यूयॉर्क से भारत का सशक्त संदेश
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका के भारतीय वाणिज्य दूतावास में एक भावुक और ठोस बयान में आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि पहलगाम जैसे जघन्य हमलों पर भारत अब चुप नहीं बैठ सकता।

थरूर के अनुसार, 9/11 मेमोरियल की यात्रा केवल श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि एक सशक्त संदेश था कि भारत आतंकवाद को वैश्विक संकट मानता है और उसका सामना विश्व समुदाय के सहयोग से करना चाहता है।
थरूर बोले: सरकार में नहीं हूं, फिर भी समर्थन करता हूं जवाबी हमले का
शशि थरूर ने कहा, “मैं सरकार में नहीं हूं, मैं विपक्ष में हूं, फिर भी मैंने खुद अखबार में एक लेख लिखकर यह कहा था कि अब समय आ गया है कि हम सख्त और समझदारी से हमला करें।” उन्होंने गर्व से जोड़ा, “और मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत ने वैसा ही किया।”
नौ ठिकानों पर किया गया था टारगेटेड स्ट्राइक
थरूर ने खुलासा किया कि भारत ने 9 आतंकी अड्डों पर निशाना साधा, जिनमें मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा और बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय शामिल थे। “यह हमला बदले के तौर पर था, न कि युद्ध शुरू करने के लिए,” थरूर ने कहा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों के दायरे में रहकर की गई थी और इसका मकसद केवल आतंकी ढांचे को ध्वस्त करना था।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की वैश्विक यात्रा का उद्देश्य
थरूर के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी, कांग्रेस, लोक जनशक्ति पार्टी, शिवसेना और अन्य दलों के नेता शामिल थे। यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका समेत अन्य देशों में सरकारों, विधायकों, थिंक टैंक और मीडिया से बातचीत कर भारत के दृष्टिकोण को साझा करेगा।
पहलगाम हमले की नृशंसता: धर्म देखकर की गई हत्याएं
थरूर ने हमले की भयावहता को बताते हुए कहा, “हमलावर लोगों की पहचान कर रहे थे और फिर धर्म के आधार पर हत्या कर रहे थे।” उन्होंने कहा कि इस हमले का उद्देश्य भारत में सांप्रदायिक दंगे भड़काना था, लेकिन इसके उलट, देश में एकता और भाईचारे का संदेश देखने को मिला।
‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ और पाकिस्तान की भूमिका पर तीखा हमला
थरूर ने कहा कि हमले के एक घंटे के भीतर ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने जिम्मेदारी ली थी। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप है और अमेरिका व संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में शामिल है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में TRF का नाम हटाने में भूमिका निभाई, जिससे उनका दोहरा चरित्र उजागर हुआ।
भारत की रणनीति: शांति के साथ शक्ति का संतुलन
थरूर ने यह भी कहा कि भारत का उद्देश्य सिर्फ जवाब देना नहीं था, बल्कि यह दिखाना भी था कि वह युद्ध नहीं, न्याय चाहता है। “हमने सिर्फ जवाब दिया, पर युद्ध नहीं छेड़ा,” उन्होंने स्पष्ट किया।
तेजस्वी सूर्या और अन्य नेताओं की भूमिका
प्रतिनिधिमंडल में तेजस्वी सूर्या, शंभवी चौधरी, शशांक मणि त्रिपाठी, जीएम हरीश बालायगी और पूर्व राजदूत तारणजीत सिंह संधू जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। इन नेताओं का उद्देश्य वैश्विक मंच पर भारत की "जीरो टॉलरेंस" नीति को मजबूती से रखना है।
आखिरी बात: थरूर की अपील – आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो दुनिया
अंत में, शशि थरूर ने कहा, “यह वैश्विक संकट है और इसे मिलकर ही हराया जा सकता है। भारत तैयार है, लेकिन अकेला नहीं।” उन्होंने दुनिया से अपील की कि अब आतंकवाद के खिलाफ बिना शर्त एकजुटता दिखाई जाए।
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