उत्तर प्रदेश में दलितों पर हमले जारी: फर्रुखाबाद में सवर्ण गुंडों ने की फायरिंग, पुलिस मूकदर्शक : आजाद
फर्रुखाबाद जिले के कमालगंज थाना क्षेत्र के वीवीपुर गांव में दलित परिवार पर सवर्ण गुंडों द्वारा जानलेवा हमला किया गया। आरोपियों ने पहले जातिसूचक गालियां दीं और फिर फायरिंग कर दी, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद भी पुलिस ने अब तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है, जिससे पीड़ित परिवार दहशत में है। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फर्रुखाबाद में दलित परिवार पर हमला, पुलिस कार्रवाई शून्य
उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। फर्रुखाबाद जिले के थाना कमालगंज अंतर्गत वीवीपुर गांव में एक दलित परिवार पर सवर्ण गुंडों ने जानलेवा हमला किया। पीड़ित परिवार की ओर से शिकायत दर्ज कराने के बावजूद, पुलिस ने 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
घटना का पूरा विवरण
घटना 14 मार्च 2025 को दोपहर करीब 3 बजे की है। गांव के ही कुछ सवर्ण जाति के गुंडों ने अनिल कुमार जाटव और उनके परिवार को जातिसूचक गालियां दीं और धमकी दी कि "अगर तुम चमार हमारी होली के आखत में दिखे तो जान से मार देंगे।"
शाम करीब 6 बजे, जब अनिल कुमार का भतीजा राजीव, प्रभात, भतीज बहू बीना और कुछ अन्य ग्रामीण – जय प्रकाश, ओम प्रकाश और शिवा – होली का आखत डालने जा रहे थे, तभी इन सवर्ण गुंडों ने पहले से घात लगाकर हमला कर दिया। आरोपियों ने हाथ में तमंचे लेकर अंधाधुंध फायरिंग की, जिससे कई लोग घायल हो गए।
पुलिस की लापरवाही, आरोपी अब भी खुलेआम घूम रहे
घटना के बाद, भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) की जिला टीम ने थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करवाई। लेकिन 24 घंटे से अधिक समय बीतने के बावजूद पुलिस ने अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।
पीड़ित परिवार का कहना है कि "हम डर के माहौल में जी रहे हैं। हमलावर खुलेआम घूम रहे हैं, और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।"
चंद्रशेखर आजाद ने उठाए सवाल, की यह मांगें
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना लोकसभा क्षेत्र से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना पर ट्वीट कर सरकार और प्रशासन से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि "उत्तर प्रदेश में दलितों की हत्या की खुली छूट मिल गई है? पुलिस अपराधियों को बचा रही है!"
उन्होंने यूपी सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
1. गंभीर रूप से घायलों का सरकारी खर्चे पर बेहतर इलाज कराया जाए।
2. हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
3. SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम और हत्या के प्रयास की धाराओं में कठोर मुकदमा दर्ज हो।
4. पीड़ित परिवार को सरकारी सुरक्षा और आर्थिक मदद दी जाए।
क्या यूपी में दलितों की सुरक्षा खतरे में?
उत्तर प्रदेश में दलितों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इन मामलों को गंभीरता से ले रहा है या फिर राजनीतिक दबाव में इन मामलों को दबाने की कोशिश की जा रही है?
अब देखना होगा कि क्या पुलिस आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करती है या फिर यह मामला भी अन्य दलि
त उत्पीड़न के मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
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