एटा भूमि विवाद: अस्थाई निषेधाज्ञा लागू, कब्जे और स्वामित्व पर अदालत की अहम सुनवाई 11 दिसंबर को

एटा जिले के सधेरा गाँव में चल रहे भूमि विवाद में अदालत ने अस्थाई निषेधाज्ञा लागू कर दी है। 25 अक्टूबर 2024 को हुई सुनवाई में वादी के दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने प्रथम दृष्टया वादी को भूमि का मालिक मानते हुए यह आदेश दिया। अदालत ने प्रतिवादियों को भूमि पर अवैध कब्जा या वादी के शांति भंग करने वाले कार्यों से रोकने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त, अदालत ने अमीन कमीशन द्वारा स्थल का मुआयना कराने का भी आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर 2024 को होगी, जिसमें भूमि के स्वामित्व और कब्जे पर अंतिम निर्णय संभावित है।

Nov 14, 2024 - 20:46
Nov 14, 2024 - 20:49
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एटा भूमि विवाद: अस्थाई निषेधाज्ञा लागू, कब्जे और स्वामित्व पर अदालत की अहम सुनवाई 11 दिसंबर को

INDC Network : एटा, उत्तर प्रदेश : एटा भूमि विवाद: अस्थाई निषेधाज्ञा लागू, कब्जे और स्वामित्व पर अदालत की अहम सुनवाई 11 दिसंबर को

एटा के अलीगंज तहसील के सधेरा गाँव में चल रहे भूमि विवाद ने गंभीर मोड़ ले लिया है। अदालत ने 25 अक्टूबर 2024 को वादी द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र 6 सी 2 पर सुनवाई करते हुए अस्थाई निषेधाज्ञा का आदेश जारी कर दिया। यह आदेश वादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों, जैसे कि खतौनी, खसरा, और 18 अगस्त 1999 के बैनामे के आधार पर दिया गया। इन दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद अदालत ने वादी को प्रथम दृष्टया भूमि का स्वामी माना है। अदालत ने प्रतिवादियों को स्पष्ट आदेश दिया है कि वे विवादित भूमि पर वादी के शांतिपूर्ण अधिकार में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न करें और अवैध कब्जे से दूर रहें।

अदालत ने मामले के संबंध में सीपीसी के आदेश 39 नियम 3 का अनुपालन करने का निर्देश दिया है और इसकी अगली सुनवाई 11 दिसंबर 2024 को तय की है। इस आदेश का प्रभाव अन्य ग्राम सभा, पंचायत, सरकारी संपत्ति या किसी वैध हकदार पर लागू नहीं होगा।



इसके अलावा, वादी द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र 8 सी 2 के अंतर्गत विवादित भूमि की वर्तमान स्थिति का मुआयना कराने के लिए अमीन कमीशन नियुक्त किया गया है। अदालत ने अमीन को निर्देश दिया है कि वह दोनों पक्षों की उपस्थिति में स्थल का निरीक्षण करे और नक्शा तैयार कर इसे अदालत में पेश करे।

मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर 2024 को होगी, जहां अदालत भूमि के स्वामित्व और कब्जे पर अंतिम निर्णय ले सकती है। यह सुनवाई वादी और प्रतिवादियों दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इस पर भूमि के अधिकार और कानूनी स्थिति का निर्णय संभव है।

इस पुरे मामले के दौरान अतुल कठेरिया (आजाद समाज पार्टी जिला महामंत्री फर्रुखाबाद), जिला अध्यक्ष नितिन गौतम, भीम आर्मी जिला अध्यक्ष जयद्रथ गौतम, भूपेंद्र बौद्ध, बंटी कठेरिया आदि लोग मौजूद रहे।

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