फर्रुखाबाद : 'फूले' फिल्म पर रोक के खिलाफ आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन, सेंसर बोर्ड पर उठे सवाल
आम आदमी पार्टी ने फर्रुखाबाद में सामाजिक जागरूकता फिल्म 'फूले' पर सेंसर बोर्ड द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला और महापुरुषों की विचारधारा को दबाने की साजिश बताया। जिलाध्यक्ष इंजीनियर नीरज प्रताप शाक्य के नेतृत्व में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की गई।

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फूले' फिल्म पर रोक के खिलाफ आम आदमी पार्टी का हल्ला बोल, सेंसर बोर्ड पर तानाशाही का आरोप
सामाजिक जागरूकता फिल्म 'फूले' पर सेंसर बोर्ड द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने जिले भर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया, बल्कि केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड की तानाशाही मानसिकता का भी प्रतीक करार दिया।

आंदोलन का नेतृत्व आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष इंजीनियर नीरज प्रताप शाक्य ने किया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह फिल्म महात्मा ज्योतिबा फुले और माता सावित्रीबाई फुले के जीवन संघर्षों और समाज सुधार के योगदान पर आधारित है। ऐसे महापुरुषों की विचारधारा को दबाना बेहद निंदनीय है।
13 से ज्यादा कट, सेंसर बोर्ड की मंशा पर सवाल
फिल्म पर सेंसर बोर्ड ने 13 से अधिक कट लगाने के निर्देश दिए हैं, जिसके विरोध में पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि यह फिल्म नफरत नहीं, बल्कि समरसता, शिक्षा और समाज सुधार का संदेश देती है। फिर भी उसे रोका जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
नारेबाजी और ज्ञापन सौंपा गया
प्रदर्शन के दौरान "तानाशाही मुर्दाबाद", "सेंसर बोर्ड मुर्दाबाद", "माता सावित्री फुले अमर रहें", "ज्योतिबा राव फुले अमर रहें" और "इंकलाब जिंदाबाद" जैसे गगनभेदी नारे लगाए गए। आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए फिल्म पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की।
तीन प्रमुख मांगें रखीं
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सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म पर लगाई गई रोक तत्काल हटाई जाए।
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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए।
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फुले दंपति के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने में सरकार सहयोग करे।
शिक्षा और समानता की प्रेरणा स्रोत है 'फूले'
शिक्षक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष संजीव सिंह ने बताया कि माता सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख ने महिलाओं के लिए स्कूल खोले और उन्हें पढ़ने का अधिकार दिलाया। ऐसे ऐतिहासिक योगदान को दिखाने वाली फिल्म पर रोक लगाना लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने फिल्म को टैक्स फ्री करने की भी मांग की।
प्रदर्शन में शामिल रहे ये प्रमुख लोग:
राघवेंद्र सिंह यादव (युवा जिला अध्यक्ष), अमित कुमार (जिला सचिव), एडवोकेट अनुभव सिंह चौहान, एडवोकेट चंदन यादव, एडवोकेट अभिषेक कुशवाहा, डॉ. विजय कुमार शाक्य, आईटी सेल प्रभारी एडवोकेट हरिश्चंद्र राजपूत, कंचन यादव (महिला जिला अध्यक्ष), नवनीत सिंह, सोनू कुशवाहा, संजीव कुमार सिंह (शिक्षक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष), प्रमोद दीक्षित, और कई वॉलिंटियर्स।
आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समाज सुधारकों की विरासत को दबाने की हर कोशिश का पुरजोर विरोध करेगी। 'फूले' फिल्म पर लगे प्रतिबंध को हटाकर सरकार को लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए।
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