20 दिसंबर को किसान जुटेंगे फर्रुखाबाद में: क्या मिलेगा एमएसपी की कानूनी गारंटी?

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने उत्तर प्रदेश में किसान मजदूर महासभा और महापंचायत की घोषणा की है। यह आयोजन किसानों की समस्याओं, उनके समाधान, और कृषि नीतियों में सुधार के लिए किया जा रहा है। मुख्य कार्यक्रम फर्रुखाबाद में 20 दिसंबर 2024 को होगा, जिसमें चौधरी राकेश टिकैत मुख्य अतिथि होंगे। किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत 13 प्रमुख मांगें उठाई हैं।

Dec 7, 2024 - 16:06
May 19, 2025 - 17:38
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20 दिसंबर को किसान जुटेंगे फर्रुखाबाद में: क्या मिलेगा एमएसपी की कानूनी गारंटी?

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तरप्रदेश : भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत: किसानों की आवाज बुलंद करने की तैयारी

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महासभा और महापंचायत की रूपरेखा

INDC Network Poster

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने अपनी राज्य और राष्ट्रीय समितियों के समन्वय से आगामी किसान मजदूर महासभा और महापंचायत के कार्यक्रमों की घोषणा की है। महासभा का आयोजन उत्तर प्रदेश के तीन प्रमुख स्थानों पर किया जाएगा, जिसका उद्देश्य किसानों की समस्याओं को उठाना और उनके समाधान पर चर्चा करना है।

कार्यक्रम का विवरण:

1. 19 दिसंबर 2024: फतेहपुर, उत्तर प्रदेश (3:30 बजे)

2. 20 दिसंबर 2024: फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश (3:00 बजे)

3. 21 दिसंबर 2024: एटा, उत्तर प्रदेश (3:00 बजे)

महापंचायत का विशेष आयोजन

20 दिसंबर 2024 को फर्रुखाबाद के सानपुर आलू मंडी (रसल) में प्रातः 10 बजे से एक ऐतिहासिक किसान मजदूर महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इस महापंचायत का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत करेंगे। यह आयोजन किसानों के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों को स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।

महापंचायत की 13 प्रमुख मांगे

महापंचायत में किसानों के अधिकारों और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख मांगें उठाई जाएंगी:

1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी।

2. गन्ना किसानों के बकाया का तुरंत भुगतान।

3. सभी प्रकार के ऋण माफी और ब्याजमुक्त ऋण की सुविधा।

4. आवारा पशुओं से फसल की रक्षा और पशुपालकों को आर्थिक मदद।

5. खाद और यूरिया की किल्लत खत्म करना।

6. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना।

7. सरकारी खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता।

8. प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान की भरपाई।

9. बिजली की दरों में कमी और मुफ्त आपूर्ति।

10. कृषि उपकरणों पर सब्सिडी।

11. बीमा योजना में सुधार।

12. किसानों को खेती में वैकल्पिक रोजगार के अवसर।

13. कृषि उपज का सही दाम।

महापंचायत का उद्देश्य

यह महापंचायत किसानों को एक मंच प्रदान करेगी, जहां वे अपनी समस्याओं को सीधे तौर पर प्रशासन और सरकार के सामने रख सकें। यूनियन का मानना है कि वर्तमान कृषि नीति में बदलाव की आवश्यकता है, और यह कार्यक्रम इस दिशा में एक ठोस कदम होगा।

संयोजक और संपर्क

महापंचायत के संयोजकों और प्रभारियों ने सभी किसानों से इसमें भाग लेने की अपील की है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी स्थानीय समितियों और ग्रामीण संगठनों को सक्रिय किया गया है।

किसानों का बड़ा आंदोलन

महापंचायत के प्रति किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। हजारों किसान इस आयोजन में शामिल होकर अपनी समस्याओं और मांगों को सामने रखने की तैयारी में हैं।

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