संविधान का गौरवशाली सफर: राष्ट्रपति ने जारी की नई प्रतियां, एक साथ दिखे मोदी और राहुल, 75 साल का ऐतिहासिक जश्न
संविधान दिवस पर 75 वर्षों की यात्रा का जश्न मनाने के लिए पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संस्कृत और मैथिली में संविधान की प्रतियां जारी कीं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी ने पहली बार एक मंच साझा किया। साथ ही, भारतीय संविधान की निर्माण प्रक्रिया और इसके योगदानकर्ताओं को सम्मानित किया गया।

INDC Network : नई दिल्ली : संविधान का गौरवशाली सफर: राष्ट्रपति ने जारी की नई प्रतियां, एक साथ दिखे मोदी और राहुल, 75 साल का ऐतिहासिक जश्न
75वीं वर्षगांठ का ऐतिहासिक उत्सव
26 नवंबर 2024 को पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान के 75 साल पूरे होने पर विशेष आयोजन हुआ।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इसे संबोधित किया।
- थीम: “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान”।
- संस्कृत और मैथिली में संविधान की प्रतियां जारी की गईं।
- दो नई किताबों का विमोचन:
- भारतीय संविधान का निर्माण: एक झलक।
- भारतीय संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा।
एक मंच पर मोदी और राहुल
इस आयोजन की खास बात यह थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी पहली बार एक मंच पर नजर आए।
- उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू भी उपस्थित रहे।
- यह अनोखा पल राजनीतिक एकता और संवैधानिक मूल्यों की प्रेरणा बना।
संविधान दिवस का महत्व
26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान पारित किया।
- लागू होने की तारीख: 26 जनवरी 1950, ताकि 1930 के पूर्ण स्वराज दिवस की याद कायम रहे।
- संविधान की तैयारी में 2 साल, 11 महीने, 17 दिन लगे।
- मूल कॉपी में 1,17,369 शब्द, 444 अनुच्छेद, 22 भाग और 12 अनुसूचियां शामिल हैं।
संविधान निर्माण के अनकहे पहलू
- डॉ. भीमराव अंबेडकर ने ड्राफ्टिंग कमेटी का नेतृत्व किया।
- प्रेम बिहारी नारायण रायजादा, एक कैलीग्राफर, ने संविधान की अंग्रेजी पांडुलिपि अपने हाथों से लिखी।
- इसे लिखने में 6 महीने और 432 निब खर्च हुईं।
- हिंदी संस्करण कैलीग्राफर वसंत कृष्ण वैद्य ने तैयार किया।
- इसमें 264 पृष्ठ हैं और वजन 14 किलोग्राम है।
संविधान में कला और इतिहास का मेल
संविधान की मूल कॉपी में चित्रकारी भी की गई।
- कलाकार नंदलाल बोस और उनकी टीम ने ऐतिहासिक चित्र बनाए।
- इनमें राम-सीता, अकबर, और टीपू सुल्तान जैसे ऐतिहासिक किरदार शामिल हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन
राष्ट्रपति ने संविधान निर्माण और इसके नायकों को श्रद्धांजलि दी।
- 15 महिला सदस्यों के योगदान की सराहना की।
- बीएन राव जैसे अफसरों की अहम भूमिका का उल्लेख किया।
- उन्होंने सामाजिक न्याय और प्रगतिशील समाज के निर्माण में संविधान की भूमिका पर जोर दिया।
संविधान दिवस के प्रतीक
- विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया।
- ये प्रतीक संविधान की 75वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं।
संविधान: भारत का गौरव
भारत का संविधान, दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
- यह समावेशी और प्रगतिशील समाज के निर्माण की दिशा में एक पवित्र ग्रंथ है।
- इसे दुनिया का एकमात्र संविधान माना जाता है, जिसमें ऐतिहासिक कला और परंपरा का संगम है।
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