फर्रुखाबाद चुनाव खुलासा : 32,000 वोटर्स के नाम काटे गए थे ? अखिलेश यादव और डॉ नवल ने चुनाव रद्द करने की मांग की
फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र में 32,000 से ज्यादा वोटर्स के नाम काटे जाने से विवाद खड़ा हो गया है। अलीगंज विधानसभा में सबसे ज्यादा वोटर डिलीशन हुआ, जिसमें यादव और मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे। समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग से तुरंत कार्रवाई और पुनर्मतदान की मांग की है।

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फर्रुखाबाद चुनाव खुलासा : 32,000 वोटर्स के नाम काटे गए थे ? अखिलेश यादव और डॉ नवल ने चुनाव रद्द करने की मांग की
फर्रुखाबाद लोकसभा चुनाव: 32,000 वोटर डिलीशन पर बवाल
फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से भाजपा सांसद की जीत पर सवाल उठ रहे हैं। न्यूज़ लॉन्ड्री द्वारा की गई ग्राउंड रिपोर्ट और रिसर्च से यह खुलासा हुआ है कि चुनाव से पहले 32,000 से अधिक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काट दिए गए। इन नामों को कटवाने में भाजपा विधायक सतपाल राठौर की भूमिका बताई जा रही है।

सबसे ज्यादा वोट डिलीशन कहां हुआ?
अलीगंज विधानसभा क्षेत्र, जहां यादव और मुस्लिम समुदाय के सबसे ज्यादा मतदाता हैं, में सबसे ज्यादा वोटर डिलीशन हुआ। इस क्षेत्र में 53 बूथ ऐसे हैं जहां डिलीशन की दर असामान्य रूप से अधिक पाई गई।
तालिका: वोट डिलीशन का डेटा
क्षेत्र | काटे गए वोटर | डिलीशन दर (%) |
---|---|---|
कैमगंज (एसटी) | निर्दिष्ट नहीं | 1.4% |
भोजपुर | निर्दिष्ट नहीं | 1.7% |
फर्रुखाबाद | निर्दिष्ट नहीं | 2.0% |
अमृतपुर | निर्दिष्ट नहीं | 2.1% |
अलीगंज | 8,126 | 2.3% |
प्रमुख आंकड़े:
- कुल कटे हुए वोटर: 32,706 (1.9%)
- सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र: अलीगंज (8,126 वोटर)
- प्रभावित बूथों की संख्या: 1,923
भाजपा विधायक की भूमिका पर सवाल
न्यूज़ लॉन्ड्री की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भाजपा विधायक सतपाल राठौर के एक पत्र ने डिलीशन प्रक्रिया को प्रभावित किया। इस पत्र के बाद प्रशासन ने तेजी से नाम काटने की कार्रवाई शुरू की। अलीगंज के 53 बूथों में से 37 बूथ ऐसे थे, जहां मुस्लिम, यादव, शाक्य और जाटव समुदाय के लोग ज्यादा थे। इन समुदायों को भाजपा का विरोधी मतदाता माना जाता है।
डॉ. नवल किशोर शाक्य की मांग
समाजवादी पार्टी के नेता डॉ. नवल किशोर शाक्य ने इस कृत्य को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा,
"निर्वाचन आयोग को इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और फर्रुखाबाद का चुनाव निरस्त कर पुनर्मतदान करवाना चाहिए।"
अखिलेश यादव का बयान
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर भाजपा को घेरा। उन्होंने कहा,
"भाजपा प्रशासन के सर्टिफिकेट से जीती है, वोटों से नहीं। यह लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है। हम मांग करते हैं कि मतदाता सूची में काटे गए नामों को फिर से जोड़ा जाए और पुनर्मतदान कराया जाए।"
लोकतंत्र पर मंडरा रहा संकट
फर्रुखाबाद में 32,000 वोटर्स का नाम काटा जाना लोकतंत्र की पवित्रता पर सवाल खड़ा करता है। मतदाताओं का संवैधानिक अधिकार छीनने से जनता का विश्वास चुनाव प्रणाली पर कम हो रहा है।
"ध्यान दें : यह खबर विभिन्न न्यूज एजेंसियों की खबर को मिलकर तैयार की गई है"
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