फतेहगढ़ जेल में संविधान दिवस पर हुए आयोजन से बंदियों को मिली नई उम्मीद
जिला कारागार फतेहगढ़ में संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया। मुख्य अतिथि श्री संजय कुमार (एडीजे/सचिव, डीएलएसए) ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि देकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वक्ताओं ने संविधान के महत्व और बंदियों के अधिकारों पर प्रकाश डाला। जेल अधीक्षक ने समयपूर्व रिहाई के लिए नियमों का पालन करने पर जोर दिया। बंदियों को सदाचार अपनाने और नए प्रावधानों का लाभ उठाने की प्रेरणा दी गई।

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फतेहगढ़ जेल में संविधान दिवस पर हुए आयोजन से बंदियों को मिली नई उम्मीद
जिला कारागार फतेहगढ़ में संविधान दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन
फतेहगढ़। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेश और जिला जज श्री विनय कुमार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के तत्वावधान में जिला कारागार फतेहगढ़ में संविधान दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जेल के स्टाफ और बंदियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री संजय कुमार (एडीजे/सचिव, डीएलएसए) ने दीप प्रज्वलन और संविधान शिल्पी डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण से किया। जेल अधीक्षक भीमसैन मुकुंद और अन्य उपस्थित अधिकारियों ने भी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी।
वक्ताओं ने रखा संविधान का महत्व
कार्यक्रम का संचालन सहायक चीफ डिफेंस काउंसिल श्री सुरेंद्र राणा ने किया। इस अवसर पर चीफ डिफेंस काउंसिल श्री शिवनरेश सिंह, अधिवक्ता रघुवीर दास, डिप्टी जेलर वैभव कुशवाह और महिला जेल वार्डर नगमा ने संविधान के विभिन्न पहलुओं पर विचार साझा किए।
- वैभव कुशवाह ने डॉ. अंबेडकर के संविधान निर्माण में योगदान पर ओजस्वी वक्तव्य दिया।
- नगमा ने संविधान में महिला अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण का संदेश दिया।
- अन्य वक्ताओं ने संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकार, शिक्षा के अधिकार और स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया।
बंदियों के लिए जागरूकता और प्रेरणा
जेल अधीक्षक भीमसैन मुकुंद ने बंदियों को समयपूर्व रिहाई के नियमों का पालन करने और सदाचार अपनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है, जिसका लाभ सभी बंदी उठा सकते हैं। सचिव डीएलएसए श्री संजय कुमार ने बंदियों के हित में विधिक सेवाओं के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार बंदियों की अपील और जमानत प्रकरणों की मॉनिटरिंग की जा रही है।
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भोजन और सफाई व्यवस्था की प्रशंसा
सचिव ने जेल की भोजन, सफाई और चिकित्सीय व्यवस्था की सराहना करते हुए सभी बंदियों को संविधान के नए प्रावधानों का लाभ उठाने का सुझाव दिया।
शपथ और समापन
कार्यक्रम के अंत में सचिव महोदय ने सभी को संविधान की शपथ दिलाई। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर जेलर गिरीश कुमार, डिप्टी जेलर वैभव कुशवाह, सरोज देवी, ओम प्रकाश और अन्य कर्मचारियों ने भी भाग लिया। पैनल अधिवक्ता श्यामवीर सोमवंशी, अताउल्ला और प्रशांत गुप्ता भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। जेल अधीक्षक ने सभी आगंतुकों और वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम को सफल बताया।
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