कन्नौज में असीम अरुण के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं का बगावती सुर, मंच पर मचा हंगामा
कन्नौज में एक भाजपा कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण को पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध इतना तीव्र था कि मंच पर चढ़कर नारेबाजी की गई और कार्यक्रम को बीच में ही रद्द करना पड़ा। विरोध की वजह एक जातीय विवाद और मंत्री के कथित व्यवहार को बताया गया है।

INDC Network : कन्नौज : उत्तर प्रदेश : कन्नौज में भाजपा कार्यक्रम में मंत्री असीम अरुण के खिलाफ गूंजे तीखे नारे
भाजपा मंच पर हंगामा: असीम अरुण के खिलाफ फूटा गुस्सा
कन्नौज के तिर्वा मेडिकल कॉलेज में 22 अप्रैल 2025 को आयोजित डॉ. अंबेडकर सम्मान समारोह उस समय अचानक विवादों में घिर गया, जब उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के खिलाफ जमकर विरोध हुआ। विरोध करने वाले कोई बाहरी नहीं, बल्कि खुद भाजपा कार्यकर्ता थे, जिन्होंने मंच पर चढ़कर नारेबाजी की।
विरोध के नारे और धक्का-मुक्की से माहौल तनावपूर्ण
जैसे ही मंत्री असीम अरुण भाषण देने के लिए खड़े हुए, कार्यकर्ताओं ने "असीम अरुण मुर्दाबाद" और "मंत्री तेरी तानाशाही नहीं चलेगी" जैसे नारों से सभास्थल को गूंजा दिया। कार्यकर्ता कुर्सियों पर खड़े हो गए और मंच की ओर बढ़े। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो धक्का-मुक्की हो गई। स्थिति बिगड़ते देख कार्यक्रम को बीच में ही रोकना पड़ा।
जातीय विवाद बना विरोध की वजह
हंगामे की जड़ एक जातीय विवाद को बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, लोधी समाज की एक लड़की को दलित युवक भगा ले गया था। लड़की के परिजनों ने मंत्री असीम अरुण से कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कथित रूप से मंत्री ने उन्हें डांटकर भगा दिया। इससे नाराज लोधी समाज के लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्री पर जातिवादी होने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने और बढ़ाया दबाव
विरोध की यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। भाजपा के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है, खासकर जब चुनाव नजदीक हैं और पार्टी को अपने ही कार्यकर्ताओं का गुस्सा झेलना पड़ रहा है।
कार्यकर्ताओं की मांग और प्रशासन की चुप्पी
कार्यकर्ताओं का कहना है कि मंत्री की भाषा और व्यवहार अपमानजनक था। वहीं सरकार या भाजपा हाईकमान की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। जिला मंत्री अजय वर्मा ने भी इस विवाद को लोधी समाज के गुस्से का परिणाम बताया है।
असीम अरुण: IPS से मंत्री बनने तक का सफर
असीम अरुण 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। उन्होंने 2022 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा जॉइन की और कन्नौज सदर से चुनाव जीतकर विधायक बने। कानपुर, लखनऊ, अलीगढ़ और कई जिलों में उन्होंने बतौर अधिकारी सेवाएं दी हैं। उन्होंने एटीएस चीफ रहते हुए कई बड़ी साजिशें विफल की थीं।
निष्कर्ष: जमीनी असंतोष की तस्वीर
यह घटना इस बात का संकेत है कि जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ता और आम जनता में असंतोष पनप रहा है। अगर ऐसे मुद्दों को नजरअंदाज किया गया तो चुनावी रणनीति पर इसका बड़ा असर हो सकता है।
घटना के पीछे की संभावित वजहें:
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स्थानीय मुद्दों को लेकर नाराज़गी:
कई ग्रामीणों का कहना था कि क्षेत्रीय समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। -
पुलिस प्रशासनिक रवैये को लेकर असंतोष:
असीम अरुण पुलिस सेवा से मंत्री बने हैं, और उनके पुराने फैसलों को लेकर लोगों में नाराजगी है। -
विकास योजनाओं में भेदभाव का आरोप:
कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लाभार्थी सूची में पारदर्शिता नहीं है।
विश्लेषण:
यह घटना यह दर्शाती है कि ज़मीनी स्तर पर सत्ता के खिलाफ रोष बढ़ रहा है, खासकर तब जब जनता को लगता है कि उनकी समस्याएं अनसुनी की जा रही हैं।
स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया:
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विपक्ष ने कसा तंज:
विपक्षी नेताओं ने इस घटना को जनता के असंतोष की झलक बताया। -
स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में चिंता:
स्थानीय कार्यकर्ता इस बात से चिंतित हैं कि चुनाव नजदीक हैं और जनता का मूड बिगड़ता नजर आ रहा है।
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