सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम में होंगे बड़े बदलाव!

उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम-2004 में संशोधन का निर्णय लिया है, जिसके तहत कामिल और फाजिल डिग्रियां अब मदरसों द्वारा नहीं दी जा सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, इन डिग्रियों की मान्यता केवल विश्वविद्यालयों द्वारा दी जाएगी, न कि मदरसों द्वारा।

Dec 5, 2024 - 12:40
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम में होंगे बड़े बदलाव!

INDC Network : उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम-2004 में बदलाव का निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद, कामिल (स्नातक) और फाजिल (स्नातकोत्तर) डिग्रियां अब मदरसों के दायरे से बाहर हो जाएंगी। इसका मतलब है कि इन डिग्रियों की मान्यता अब केवल विश्वविद्यालयों द्वारा दी जाएगी, न कि मदरसों द्वारा। यह बदलाव उत्तर प्रदेश सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे मदरसों का दायरा सीमित हो जाएगा और उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालयों को प्रमुख जिम्मेदारी दी जाएगी।


मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम-2004 में प्रस्तावित बदलाव
उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम-2004 में संशोधन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, कामिल और फाजिल डिग्रियां अब मदरसों द्वारा नहीं दी जा सकेंगी, क्योंकि ये उच्च शिक्षा के तहत आती हैं। इस संशोधन के बाद, केवल विश्वविद्यालयों को उच्च शिक्षा और संबंधित डिग्रियां देने का अधिकार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस अधिनियम की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था, जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया था।


सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब से बारहवीं कक्षा के बाद कामिल और फाजिल डिग्री देने वाले मदरसों को मान्यता नहीं दी जाएगी। उच्च शिक्षा का संचालन यूजीसी अधिनियम के तहत होता है, और इन डिग्रियों की मान्यता केवल विश्वविद्यालयों द्वारा दी जा सकती है।


मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम-2004 का उद्देश्य
यह अधिनियम मदरसों में शिक्षा के स्तर को नियंत्रित करता है। इसके तहत मदरसा बोर्ड विभिन्न पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं संचालित करता है, जैसे कि मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल।


संशोधन के बाद का परिदृश्य
संशोधन के बाद, मदरसों को केवल प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा देने की अनुमति होगी, और उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालयों पर निर्भरता बढ़ जाएगी।

डिग्री मूल्यांकन संस्थान सुप्रीम कोर्ट का फैसला
कामिल (स्नातक) विश्वविद्यालय मदरसों को नहीं दी जा सकती
फाजिल (स्नातकोत्तर) विश्वविद्यालय मदरसों को नहीं दी जा सकती
मुंशी, मौलवी, आलिम मदरसा बोर्ड जारी रहेगा, पर उच्च शिक्षा नहीं

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