क्या मीरापुर उपचुनाव में ASP की जीत की पटकथा लिख रहे हैं दलित और मुस्लिम समुदाय?
मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में दलित समाज का रुझान इस बार बहुजन समाज पार्टी की जगह आजाद समाज पार्टी (ASP) की ओर दिखाई दे रहा है। चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में ASP ने क्षेत्र में समर्थन जुटाने के लिए दलित और मुस्लिम समुदायों को एकजुट किया है, जिससे यह मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। ASP के उम्मीदवार जाहिद हुसैन के पक्ष में मुस्लिम समुदाय का भी समर्थन ASP को मजबूती दे रहा है। इस एकता से मीरापुर सीट पर ASP का पलड़ा भारी लग रहा है। यूपी के नौ विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने वाले हैं, जिनके परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

INDC Network : उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश की मीरापुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का राजनीतिक माहौल तेजी से बदलता दिख रहा है। इस बार का चुनावी समीकरण दलित और मुस्लिम समुदाय के ASP उम्मीदवार जाहिद हुसैन के समर्थन में झुकता नज़र आ रहा है। यूपी Tak की रिपोर्ट के अनुसार, मीरापुर क्षेत्र में दलित समाज में ASP के प्रति बढ़ती रुचि देखने को मिल रही है। जबकि पिछली बार यह सीट रालोद के पास थी, इस बार का मुकाबला ASP, रालोद, सपा और बसपा के बीच दिलचस्प मोड़ पर है।
मीरापुर के दलित समाज का मानना है कि आज का समय चंद्रशेखर आजाद को समर्थन देने का है, जिन्हें वे एक सशक्त नेता के रूप में देख रहे हैं। इससे पूर्व, बसपा को दलितों का परंपरागत समर्थन प्राप्त था, लेकिन ASP ने इस बार अपनी रणनीति में बदलाव कर इस समर्थन को अपने पक्ष में कर लिया है। इसके अलावा, मुस्लिम समाज का ASP उम्मीदवार जाहिद हुसैन के प्रति समर्थन ASP को एक महत्वपूर्ण बढ़त दे सकता है।
मीरापुर सीट पर ASP के बढ़ते प्रभाव से मुकाबला और भी कड़ा हो गया है, खासकर जब कांग्रेस ने ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत उपचुनाव से किनारा कर लिया है। इस निर्णय ने सपा, रालोद और ASP के बीच गठबंधन को अधिक मज़बूत किया है। ASP की ओर से दलित-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने से चुनाव में ASP की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
13 नवंबर को मीरापुर सहित उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले इन उपचुनावों के नतीजे केवल क्षेत्रीय राजनीति को ही नहीं, बल्कि राज्य की आगामी चुनावी रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकते हैं। खासकर 2027 के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र यह चुनाव दलित-मुस्लिम एकता का एक महत्वपूर्ण परीक्षण साबित हो सकता है।
राज्य में बसपा और ASP जैसे दल जातिगत वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच भी इन उपचुनावों में सीधी टक्कर मानी जा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दलित और मुस्लिम समाज की एकजुटता ASP को मीरापुर सीट पर सफलता दिलाने में किस हद तक मदद करती है।
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