मोदी सरकार की नई रणनीति: अब जनगणना में होगी पारदर्शी जाति गणना की शुरुआत

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि आगामी जनगणना में जाति आधारित आंकड़े भी शामिल किए जाएंगे। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट समिति (CCPA) द्वारा लिया गया है। सरकार का दावा है कि इससे सामाजिक ढांचे को मजबूती मिलेगी और राजनीतिक मकसद से हो रही जातिगत सर्वेक्षणों की राजनीति समाप्त होगी।

Apr 30, 2025 - 18:14
May 25, 2025 - 15:50
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मोदी सरकार की नई रणनीति: अब जनगणना में होगी पारदर्शी जाति गणना की शुरुआत

INDC Network : India : मोदी सरकार की नई रणनीति: अब जनगणना में होगी पारदर्शी जाति गणना की शुरुआत

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जनगणना 2025 में होगी जातिगत गणना: मोदी सरकार का बड़ा फैसला

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए आगामी राष्ट्रीय जनगणना 2025 में जातिगत गणना को शामिल करने का फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार (30 अप्रैल 2025) को मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी।

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अश्विनी वैष्णव का बयान: "राजनीति से नहीं, पारदर्शिता से होगी जाति गणना"

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कुछ राज्य सरकारों ने पहले ही जातिगत सर्वेक्षण किए हैं, जिनमें से कुछ पारदर्शी रहे लेकिन कुछ केवल राजनीतिक लाभ के लिए किए गए। उन्होंने कहा:

“ऐसे गैर-पारदर्शी सर्वेक्षणों से समाज में भ्रम और अविश्वास पैदा हुआ है। अब यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से केंद्रीय जनगणना के अंतर्गत होगी।”


संवैधानिक आधार पर केंद्र का अधिकार

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 246 के अनुसार जनगणना केंद्र का विषय है (संघ सूची की 69वीं प्रविष्टि)। इसलिए केवल केंद्र सरकार ही पूरे देश में यह प्रक्रिया पारदर्शिता से कर सकती है।


कांग्रेस सरकारों का रुख: केवल सर्वे, जनगणना नहीं

उन्होंने कहा कि:

“2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में जाति जनगणना पर विचार का आश्वासन दिया था। एक मंत्रियों का समूह भी बना था, फिर भी केवल एक सर्वेक्षण (SECC) किया गया, पूर्ण जाति जनगणना नहीं।”

वैष्णव ने कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने जाति गणना को राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल किया है।


भारत में जातिगत आंकड़ों का इतिहास

वर्ष स्थिति टिप्पणी
1931 ✔ जातिगत गणना हुई ब्रिटिश शासन की आखिरी जाति गणना
1951–2011 ✘ केवल SC/ST गणना अन्य जातियों का कोई डेटा नहीं
2011 SECC सर्वेक्षण (सिर्फ सर्वे) कोई आधिकारिक जाति गणना नहीं
2025 ✔ केंद्र की जातिगत गणना पहली बार पूर्ण जातिगत जनगणना

शिलांग-सिलचर हाईवे को भी मिली मंजूरी

जनगणना के अलावा, कैबिनेट ने शिलांग-सिलचर हाईवे के निर्माण को भी मंजूरी दी है, जो मेघालय और असम को जोड़ेगा।

पैरामीटर विवरण
परियोजना का नाम शिलांग–सिलचर चार लेन राजमार्ग
लंबाई 166.80 किलोमीटर
लागत ₹22,864 करोड़
राज्यों की हिस्सेदारी मेघालय (144.80 किमी), असम (22 किमी)
कार्य मॉडल हाइब्रिड एन्नुइटी मोड (HAM)
लाभ मणिपुर व मिजोरम को कनेक्टिविटी

निष्कर्ष

जातिगत गणना को केंद्रीय जनगणना में शामिल करने का यह फैसला सामाजिक न्याय, नीतिगत योजना, और राजनीतिक पारदर्शिता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विपक्ष की पुरानी नीतियों को चुनौती देते हुए मोदी सरकार ने इसे सामाजिक विकास का आधार बताया है।

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