NSG कमांडो ने प्रयागराज में मॉक ड्रिल से बढ़ाया महाकुंभ 2025 का सुरक्षा कवच
महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज में एनएसजी कमांडो समेत सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त मॉक ड्रिल की। इस अभ्यास ने आतंकवादी हमलों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखा।

INDC Network : प्रयागराज : महाकुंभ 2025 को सुरक्षित बनाने की तैयारी में प्रयागराज में सुरक्षा बलों की मॉक ड्रिल
1. महाकुंभ 2025: सुरक्षा के लिए विशेष मॉक ड्रिल
प्रयागराज में शनिवार को महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। उत्तर प्रदेश पुलिस, एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड), एटीएस (आतंक रोधी दस्ता), एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), जल पुलिस, और अन्य सुरक्षा बलों ने इसमें हिस्सा लिया।

सुरक्षा बल | भूमिका |
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एनएसजी कमांडो | आतंकवादी हमलों से निपटने और बंधकों को छुड़ाने की तैयारी |
एटीएस और यूपी पुलिस | खुफिया जानकारी और निगरानी |
एनडीआरएफ | आपदा प्रबंधन और राहत कार्य |
जल पुलिस और एसडीआरएफ | जलमार्ग से सुरक्षा सुनिश्चित |
2. आतंकवादी हमले का नकली परिदृश्य तैयार
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बोट क्लब, प्रयागराज में हुए अभ्यास में एक नकली आतंकवादी हमला दिखाया गया।
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श्रद्धालुओं को बंधक बनाने और डर्टी बम ब्लास्ट का सीन तैयार किया गया।
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एनएसजी कमांडो ने जल और सड़क मार्ग से पहुंचकर ऑपरेशन शुरू किया।
मुख्य गतिविधि | प्रदर्शन किया गया कार्य |
बंधकों को छुड़ाना | आतंकियों द्वारा कब्जे में लिए गए श्रद्धालुओं को बचाया गया |
डर्टी बम निष्क्रिय करना | केमिकल, बायोलॉजिकल, और रेडियोलॉजिकल खतरों को खत्म किया |
आपदा प्रबंधन | आपातकालीन स्थितियों में राहत कार्यों की दक्षता को परखा |
3. अपर पुलिस महानिदेशक का बयान
अपर पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर ने कहा, "महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इस मॉक ड्रिल के माध्यम से हमने हर संभावित आपातकालीन स्थिति से निपटने की अपनी तैयारियों को परखा है।"
4. महाकुंभ 2025: सुरक्षा बलों की चुनौती
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महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।
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महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, मंदिरों, अखाड़ों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है।
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इस मॉक ड्रिल ने सुरक्षा बलों के बीच तालमेल और तत्परता को सिद्ध किया।
चुनौती | तैयारी का स्तर |
भीड़ प्रबंधन | पुलिस और एनडीआरएफ ने आपदा प्रबंधन की तैयारी को प्रदर्शित किया |
आतंकी खतरा | एनएसजी और एटीएस की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता |
जल सुरक्षा | जल पुलिस और एसडीआरएफ ने जलमार्ग सुरक्षा पर ध्यान दिया |
5. सुरक्षा तैयारियों पर श्रद्धालुओं का भरोसा
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मॉक ड्रिल ने न केवल सुरक्षा बलों की क्षमता को परखा, बल्कि श्रद्धालुओं के बीच विश्वास भी बढ़ाया।
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यह अभ्यास उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
6. मॉक ड्रिल के मुख्य बिंदु
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बंधकों को सुरक्षित छुड़ाना: एनएसजी कमांडो ने कुशलता से बंधकों को बचाया।
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डर्टी बम निष्क्रिय करना: रेडियोलॉजिकल खतरों को निष्प्रभावी करने की तैयारी प्रदर्शित की।
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आपदा प्रबंधन: एनडीआरएफ ने आपात स्थितियों में राहत कार्यों का प्रदर्शन किया।
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