फर्रुखाबाद में कार्तिक पूर्णिमा स्नान और मेले की तैयारियों का जायजा: सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम
फर्रुखाबाद में कार्तिक पूर्णिमा स्नान और मेले को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। डीएम ने घाटों पर बैरिकेडिंग, प्रकाश व्यवस्था, गोताखोरों की तैनाती, और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। श्रद्धालुओं के लिए पांचाल घाट समेत अन्य घाटों पर विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।

INDC Network : फर्रुखाबाद : फर्रुखाबाद में कार्तिक पूर्णिमा स्नान और मेले की तैयारियों का जायजा: सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं के स्वागत में पुख्ता इंतजाम
फर्रुखाबाद में कार्तिक पूर्णिमा स्नान और मेले की तैयारी जोरों पर है। जिला प्रशासन ने प्रत्येक घाट पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। डीएम ने सभी घाटों पर बैरिकेडिंग, रोशनी, और गोताखोरों की तैनाती के निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
मेला आयोजन के लिए विशेष व्यवस्थाएं
ढाई घाट पर 12 से 18 नवंबर के बीच लगने वाले मेले के दौरान विशेष व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अटेना घाट और श्रंगीरामपुर में स्नान के लिए प्रकाश व्यवस्था, बैरिकेडिंग, और समतलीकरण के इंतजाम पर भी ध्यान दिया गया है। प्रशासन ने नावों और नाविकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रशासनिक कैंप की स्थापना के निर्देश दिए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर त्वरित सहायता उपलब्ध हो सके।
चार जिलों से आएंगे श्रद्धालु, महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती
फर्रुखाबाद के प्रमुख पांचाल घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो पास के चार जिलों से स्नान के लिए आएंगे। डीएम ने जिला पंचायत राज अधिकारी और नगर पालिका के अधिकारियों को पांचाल घाट पर विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, घाटों पर महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती का भी आदेश दिया गया है ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- डीएम ने यह भी निर्देश दिए हैं कि पूर्णिमा से पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
कार्तिक पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है ?
कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इसे देव दीपावली के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था, जिससे देवताओं ने दीप जलाकर खुशी मनाई थी।
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा, यमुना, या किसी पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन दीपदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, और भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, इस दिन गुरु नानक देव जी का जन्म दिवस भी मनाया जाता है, जो सिख धर्म के संस्थापक थे। कार्तिक पूर्णिमा का पर्व भारत के विभिन्न हिस्सों में मेलों, पूजा-पाठ, और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
What's Your Reaction?






