संभल हिंसा: राजभर और बघेल के बयानों से गरमाई सियासत, विपक्ष पर साधा निशाना
संभल हिंसा पर विपक्ष भाजपा और योगी सरकार को घेर रहा है। वहीं, मंत्री एसपी सिंह बघेल और ओपी राजभर ने कांग्रेस-सपा पर तीखे आरोप लगाए हैं। बघेल ने विपक्ष को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया, जबकि राजभर ने कहा कि पुलिस उपद्रवियों को गले लगाने नहीं, कार्रवाई करने के लिए है।

INDC Network : संभल, उत्तर प्रदेश : संभल हिंसा: राजभर और बघेल के बयानों से गरमाई सियासत, विपक्ष पर साधा निशाना
संभल हिंसा: सियासत के केंद्र में भाजपा और विपक्ष
जामा मस्जिद सर्वे को लेकर संभल में हुई हिंसा पर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दल भाजपा और योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि प्रशासन की विफलता ने इस स्थिति को जन्म दिया। हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री इस मुद्दे पर विपक्ष पर पलटवार कर रहे हैं।
एसपी बघेल: 'संभल नहीं, विपक्ष को बांग्लादेश जाना चाहिए'
आगरा से भाजपा सांसद और कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस और विपक्ष के नेता संभल जाने के बजाय बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर ध्यान दें। उन्होंने कहा, "विपक्ष के चैनलों में संभल की घटना तो दिखती है, लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले पर कोई बात नहीं होती। यह तुष्टीकरण की राजनीति का परिणाम है।"
उन्होंने प्रशासन पर भरोसा जताते हुए कहा कि सरकार और पुलिस संभल में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सक्षम हैं।
ओपी राजभर: 'उपद्रवी पुलिस से माला पहनाने की उम्मीद न करें'
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख और योगी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने कहा, "जो भी उपद्रव करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। पुलिस उपद्रवियों को गले नहीं लगाएगी, न ही उनसे आधार कार्ड मांगेगी।" उन्होंने कांग्रेस और सपा पर आरोप लगाया कि वे मुसलमानों के बीच भाजपा के खिलाफ नफरत फैला रही हैं।
राजभर ने हिंसा को राजनीतिक बताया और कहा कि यह हिंसा केवल संभल में क्यों हुई? उन्होंने सवाल उठाया कि कुंदरकी में मुसलमानों द्वारा भाजपा प्रत्याशी को वोट देने से यह हिंसा भड़काई गई है।
विपक्ष पर तीखे आरोप: राजनीतिक फायदे की राजनीति
दोनों नेताओं के बयानों से साफ है कि भाजपा इसे विपक्ष की साजिश मान रही है। बघेल और राजभर के बयानों ने इस मुद्दे को और तूल दे दिया है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद क्या मोड़ लेता है।
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