संत सत्यगिरी महाराज का जीवित भू-समाधि का ऐलान: प्रशासन में हड़कंप, मामला तूल पकड़ता जा रहा
फर्रुखाबाद में जूना अखाड़ा के महंत सत्यगिरी महाराज ने प्रशासनिक रवैये से आहत होकर जीवित भू-समाधि लेने का ऐलान किया है। गंगा तट पर हुए विवाद में एकतरफा कार्रवाई से आहत होकर उन्होंने भू-समाधि के लिए भूमि पूजन भी करा दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने देर रात उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन महंत अपनी मांगों पर अड़े हैं। मामला माघ मेला रामनगरिया का है, जहां महंत सत्यगिरी और उनके समर्थक धरने पर बैठे हैं।

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फर्रुखाबाद में जूना अखाड़ा के महंत सत्यगिरी महाराज ने प्रशासनिक रवैये से आहत होकर जीवित भू-समाधि लेने का ऐलान किया है। गंगा तट पर हुए विवाद में एकतरफा कार्रवाई से आहत होकर उन्होंने भू-समाधि के लिए भूमि पूजन भी करा दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने देर रात उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन महंत अपनी मांगों पर अड़े हैं। मामला माघ मेला रामनगरिया का है, जहां महंत सत्यगिरी और उनके समर्थक धरने पर बैठे हैं।
महंत सत्यगिरी महाराज का बड़ा ऐलान
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जूना अखाड़ा के महंत सत्यगिरी महाराज ने प्रशासनिक अन्याय से आहत होकर जीवित भू-समाधि लेने की घोषणा की।
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गंगा तट पर हुए विवाद में एकतरफा कार्रवाई से संत आक्रोशित।
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भूमि पूजन भी कराया, समाधि के लिए खुदाई की प्रक्रिया सोमवार से शुरू होगी।
प्रशासनिक अधिकारियों की प्रतिक्रिया
अधिकारी का नाम | पद | कार्रवाई |
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एडीएम सुभाष चंद्र प्रजापति | अपर जिलाधिकारी | धरना समाप्त करने की अपील |
तहसीलदार श्रद्धा पांडे | तहसीलदार, सदर | मेडिकल जांच कराई गई |
नायब तहसीलदार सनी कनौजिया | नायब तहसीलदार | समाधान निकालने का आश्वासन |
कानूनगो सुनील दुबे | कानूनगो | रिपोर्ट प्रस्तुत की |
विवाद का मुख्य कारण
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गंगा तट पर दो पक्षों के बीच झगड़ा हुआ था।
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प्रशासन ने एक पक्षीय कार्रवाई की, जिससे संत आहत हुए।
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महंत सत्यगिरी ने सोशल मीडिया पर संतों के खिलाफ टिप्पणियों के विरोध में भी भूख हड़ताल शुरू की।
जूना अखाड़ा और प्रशासन आमने-सामने
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महंत सत्यगिरी महाराज ने प्रशासन से न्याय की मांग की।
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उनके समर्थन में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
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जिला अधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी को ज्ञापन सौंपा गया।
हिंदू संगठनों का प्रदर्शन और चेतावनी
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महंत ईश्वर दास ने कहा कि अगर आरोपियों पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन होगा।
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प्रशासन को बैठक के दौरान स्पष्ट चेतावनी दी गई।
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माघ मेला क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
क्या होगा आगे?
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यदि प्रशासन ने महंत सत्यगिरी महाराज की मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन और तेज हो सकता है।
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हिंदू संगठनों के समर्थन से मामला और गंभीर हो सकता है।
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प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
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