सीसामऊ उपचुनाव: नसीम सोलंकी की तीन प्रमुख मांगें, क्या सपा जीत रही ?
उत्तर प्रदेश के सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की मतगणना शुरू हो चुकी है। सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने चुनाव में पारिवारिक विरासत बचाने के लिए अपनी 3 प्रमुख मांगें रखते हुए निष्पक्षता सुनिश्चित करने की अपील की है। यह सीट सपा के लिए ऐतिहासिक महत्व रखती है, और इस बार मुकाबला भाजपा के सुरेश अवस्थी से है।

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सीसामऊ सीट: उपचुनाव में बड़ा दांव
उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना शुरू हो चुकी है। कानपुर जिले की चर्चित सीसामऊ सीट पर सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी खास सुर्खियों में हैं। यह सीट उनके पति, इरफान सोलंकी की सजा के बाद खाली हुई थी। नसीम सोलंकी यहां अपनी पारिवारिक विरासत बचाने की कोशिश में जुटी हैं।

मतगणना से पहले नसीम सोलंकी की तीन प्रमुख मांगें
सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने रिटर्निंग ऑफिसर को पत्र लिखकर मतगणना प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग की है। उनकी तीन प्रमुख मांगें हैं:
- ईवीएम की वीडियोग्राफी: हर राउंड की गिनती की वीडियोग्राफी हो और इसे सार्वजनिक किया जाए।
- राउंड की अनाउंसमेंट: प्रत्येक राउंड के बाद रिकॉर्ड का मिलान कर उसकी घोषणा की जाए।
- एजेंट्स को डेटा उपलब्ध कराना: गिनती में मौजूद सभी एजेंट्स को ईवीएम और गिनती की कॉपी प्रदान की जाए।
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चुनावी संघर्ष और इतिहास
सीसामऊ सीट पर सपा, भाजपा, और कांग्रेस के बीच ऐतिहासिक मुकाबले होते रहे हैं।
- 2022 में जीत: इरफान सोलंकी ने 69,163 वोट हासिल कर भाजपा के सलिल विश्नोई (66,897 वोट) को हराया था।
- 2012 और 2017 में भी सपा की जीत: इरफान सोलंकी ने लगातार दो बार यह सीट अपने नाम की।
- कांग्रेस का दबदबा: 2002 और 2007 में कांग्रेस प्रत्याशी संजीव दरियाबादी ने यह सीट जीती थी।
- भाजपा का दौर: 1991 से 1996 तक यह सीट भाजपा के राकेश सोनकर के पास रही।
सपा के लिए प्रतिष्ठा दांव पर
इस बार सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम को मैदान में उतारा है। भाजपा ने सुरेश अवस्थी को टिकट दिया है। सपा के लिए यह सीट सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि पारिवारिक सम्मान का सवाल भी है।
भविष्य की राह
इस सीट का इतिहास बताता है कि यहां हर दल ने अपना दबदबा बनाया है। लेकिन नसीम सोलंकी की पारिवारिक विरासत बचाने की कोशिश और भाजपा के बढ़ते कदम इस बार का मुकाबला दिलचस्प बना रहे हैं।
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