यूपी में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू होने की संभावनाएं और प्रभाव

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में प्रदान करेगी। यूपी में भी UPS के लागू होने की संभावना है, जिसे योगी सरकार जल्दी लागू करने की तैयारी में है। यह निर्णय कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा, लेकिन UPS और पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के बीच के अंतर को लेकर कर्मचारियों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। यूपी में UPS के प्रभाव और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया पर विस्तृत चर्चा इस लेख में की गई है।

Aug 27, 2024 - 11:39
May 19, 2025 - 15:48
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यूपी में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू होने की संभावनाएं और प्रभाव

INDC Network : लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS): यूपी में कब लागू होगी और इसके प्रभाव क्या होंगे?

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दी है, जिससे लाखों केंद्र सरकार के कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा और बेहतर भविष्य की उम्मीदें जगी हैं। UPS के लागू होने से कर्मचारियों को उनकी रिटायरमेंट के समय के अंतिम 12 महीने की बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके अलावा, जो कर्मचारी 25 साल से अधिक सेवा के बाद रिटायर होंगे, उन्हें भी इसी अनुपात में पेंशन मिलेगी।सीएम योगी आदित्यनाथ ने UPS को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे सकारात्मक कदम बताया है। इसके साथ ही, यह उम्मीद की जा रही है कि योगी सरकार UPS को उत्तर प्रदेश में भी लागू करेगी, जैसा कि वह पहले भी केंद्र की योजनाओं को राज्य में लागू करने का रुझान दिखा चुकी है।

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UPS क्या है और इसमें नया क्या है?

UPS में प्रमुख बदलावों में से एक यह है कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनके आखिरी साल की बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की आखिरी साल की बेसिक सैलरी 50 हजार रुपए है, तो उन्हें रिटायरमेंट के बाद हर महीने 25 हजार रुपए पेंशन मिलेगी। इसके अलावा, अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से अधिक और 25 साल से कम सेवा की है, तो भी उसे पेंशन में कम से कम 10 हजार रुपए प्रति माह मिलेंगे। महंगाई के असर को ध्यान में रखते हुए पेंशन में इन्फ्लेशन को जोड़ा जाएगा। अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को उसकी पेंशन का 60% मिलेगा। इसके साथ ही, परिवार को मिनिमम डियरनेस रिलीफ (पहले डियरनेस अलाउंस) भी मिलेगा, जो AICPI-W के आधार पर तय किया जाएगा। सरकार अब प्रत्येक कर्मचारी को हर 6 महीने की सेवा के बाद, उनकी सैलरी और DA का 10% बतौर लम-सम अमाउंट देगी। इससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त रकम मिलेगी, जो उनकी सेवा की अवधि पर निर्भर करेगी।


UPS का यूपी में लागू होने की संभावना और इसके प्रभाव

उत्तर प्रदेश में UPS के लागू होने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यूपी के वित्त विभाग ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से UPS की पूरी जानकारी जुटाई है और कागजी कार्रवाई भी शुरू की है। योगी सरकार के उच्च अधिकारी इसे जल्द से जल्द लागू करने के लिए तैयार हैं, ताकि विधानसभा की आगामी उपचुनावों से पहले इसका फायदा लिया जा सके।

जानकारों का मानना है कि UPS को उपचुनावों से पहले लागू करने से योगी सरकार को कर्मचारियों के बीच सकारात्मक छवि बनाने में मदद मिल सकती है। यूपी में 10 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी UPS के दायरे में आएंगे। पिछले कुछ वर्षों में, योगी सरकार ने सरकारी नौकरियों की संख्या में वृद्धि की है, जिससे यह संख्या बढ़ी है।


पुरानी पेंशन योजना (OPS) बनाम UPS

OPS के तहत कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था, जबकि UPS के तहत पेंशन की राशि का निर्धारण किया गया है। OPS में जनरल प्रॉविडेंट फंड (GPF) और ग्रैच्युटी की सीमा भी निर्धारित थी, जिससे सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता था। OPS में कुल कर्मचारियों में से केवल 12% को ही पेंशन का लाभ मिलता था।

UPS में सरकार ने कर्मचारियों के वेतन का 14% अंशदान बढ़ाकर 18.5% कर दिया है। इसके अलावा, UPS के तहत मृत्यु के बाद परिवार को मिलने वाली पेंशन की राशि को 60% तक बढ़ा दिया गया है। कम सेवा वाले कर्मचारियों के लिए मिनिमम पेंशन 10 हजार रुपए तय की गई है।


कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

यूपी के कर्मचारियों में UPS को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा का कहना है कि कर्मचारियों को UPS स्वीकार नहीं करेंगे। उनके अनुसार, पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों के वेतन से हर महीने 10% कटता था, जो रिटायरमेंट के समय ब्याज सहित वापस मिल जाता था। UPS में रिटायरमेंट के बाद पेंशन की राशि तो तय की गई है, लेकिन वेतन से कटौती की राशि को लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है। इस तरह, UPS की स्वीकार्यता को लेकर कर्मचारियों की आशंका बनी हुई है, खासकर जब OPS की तुलना में UPS में कुछ सुविधाओं में कमी आई है।


निष्कर्ष : केंद्र सरकार की UPS योजना ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन प्रणाली को प्रस्तुत किया है, जो कई नए प्रावधानों और लाभों के साथ आई है। यूपी में इसका जल्दी लागू होना सरकार की कर्मचारी वर्ग को संतुष्ट करने और आगामी चुनावों में समर्थन प्राप्त करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। हालांकि, कर्मचारियों की प्रतिक्रिया और UPS की स्वीकार्यता का अंततः फैसला इसी बात पर निर्भर करेगा कि यह कितनी प्रभावी ढंग से लागू होती है और कितनी जल्दी इसके लाभ कर्मचारियों तक पहुंचते हैं।

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