10 राज्यों में उपचुनाव की तैयारियों से कौन जीतेगा? विपक्ष, वंशवाद या रणनीति – एक बड़ी सियासी कसौटी
देश के 10 राज्यों में विधानसभा की 31 और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे जल्द ही सामने आने वाले हैं। राहुल गांधी के वायनाड सीट से हटने के बाद प्रियंका गांधी पहली बार चुनाव लड़ेंगी, जबकि अन्य राज्यों में विभिन्न दलों और गठबंधनों की प्रतिष्ठा दांव पर है। असम से लेकर कर्नाटक और राजस्थान से बिहार तक, हर राज्य में चुनावी रणनीतियों और जातिगत समीकरणों का विशेष महत्व है। यह उपचुनाव ना केवल विभिन्न दलों की वर्तमान स्थिति को बताएंगे, बल्कि 2024 के आम चुनावों के लिए भी एक ट्रेलर साबित हो सकते हैं।

INDC Network : भारत : 10 राज्यों में उपचुनाव की तैयारियों से कौन जीतेगा? विपक्ष, वंशवाद या रणनीति – एक बड़ी सियासी कसौटी
उपचुनाव की महत्वता और पृष्ठभूमि
देश के विभिन्न राज्यों में इन दिनों उपचुनावों का दौर चल रहा है। इन उपचुनावों का सीधा असर राज्य और केंद्र सरकार की आगामी रणनीतियों पर पड़ेगा। झारखंड में पहले फेज की 43 सीटों के साथ ही 10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटें और केरल के वायनाड की एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव का आयोजन किया गया है।

वायनाड लोकसभा सीट पर प्रियंका बनाम नव्या
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ रही हैं, जो उनका पहला चुनाव होगा। यहां भाजपा की ओर से नव्या हरिदास मैदान में हैं। राहुल गांधी द्वारा वायनाड सीट खाली करने के बाद इस सीट पर चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। राज्य में लेफ्ट फ्रंट भी मैदान में है और इस वजह से यहां एक त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है।
राजस्थान: भजनलाल सरकार के लिए बड़ी परीक्षा
राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे, जो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहली परीक्षा मानी जा रही है। भले ही लोकसभा चुनाव में भाजपा को 25 में से 18 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन विधानसभा में कांग्रेस का दबदबा बरकरार है। यह उपचुनाव सरकार की लोकप्रियता और प्रभाव को मापने का एक मौका होगा।
बिहार: विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल
बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। माना जा रहा है कि ये चुनाव 2025 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल हैं। नीतीश कुमार की अगुवाई में NDA और तेजस्वी यादव की महागठबंधन सरकार के बीच कड़ा मुकाबला है। जातिगत समीकरण, सरकारी नौकरियों का प्रचार और विकास कार्य चुनाव का मुख्य केंद्र बने हुए हैं।
मध्य प्रदेश: शिवराज और रामनिवास के बीच कड़ी टक्कर
मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर सीटों पर भी चुनावी माहौल गर्म है। बुधनी सीट भाजपा के लिए अहम है, क्योंकि यह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ है। वहीं, विजयपुर सीट पर वन मंत्री रामनिवास रावत और कांग्रेस के आदिवासी नेता के बीच सीधी टक्कर है।
छत्तीसगढ़: कांग्रेस का किला या भाजपा का उभार?
छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण सीट पर भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। कांग्रेस और भाजपा के बीच यहां सीधी टक्कर है। सीट पर जातिगत समीकरण भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि, अब तक कांग्रेस का प्रभावी प्रदर्शन रहा है, लेकिन भाजपा भी इस बार मजबूती से चुनाव लड़ रही है।
पश्चिम बंगाल: टीएमसी की साख पर प्रश्नचिन्ह
पश्चिम बंगाल की 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। इनमें से पांच सीटें टीएमसी के पास थीं, जबकि एक सीट भाजपा के पास थी। हाल ही में हुए विवाद और बढ़ती महिला सुरक्षा को लेकर टीएमसी को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
असम: वंशवाद का मुद्दा और चुनौती
असम में पांच सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने नेताओं के परिवारजनों को टिकट दिया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति का आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस ने भाजपा पर भी उसी मुद्दे का जवाब दिया है।
कर्नाटक: देवगौड़ा और बोम्मई की तीसरी पीढ़ी चुनावी मैदान में
कर्नाटक की तीन सीटों में से दो सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री देवगौड़ा और बोम्मई के परिवार के सदस्य चुनावी मैदान में हैं। कर्नाटक में वंशवाद का मुद्दा खुलकर सामने आ रहा है, जिसमें तीसरी पीढ़ी का राजनीति में प्रवेश हो चुका है। जनता का इस पर क्या रुख होगा, यह देखने लायक होगा।
गुजरात: वाव विधानसभा सीट पर मुकाबला
गुजरात की वाव सीट पर भी चुनाव हो रहा है। यह सीट कांग्रेस विधायक गिनीबेन ठाकोर के सांसद चुने जाने से खाली हुई है। भाजपा ने इस सीट पर स्वरूपजी ठाकोर को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने गुलाब सिंह राजपूत को उतारा है। गुजरात के जातिगत समीकरण इस सीट के नतीजे पर असर डाल सकते हैं।
मेघालय: विवादित भाजपा प्रत्याशी और NPP की चुनौती
मेघालय की गाम्बेग्रे सीट पर भी उपचुनाव हो रहा है। यहां भाजपा ने बर्नार्ड मारक को टिकट दिया है, जिन पर उग्रवाद और सेक्स रैकेट का आरोप है। हालांकि, मारक ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। राज्य की राजनीति में इसे लेकर काफी विवाद हुआ है और भाजपा और NPP के बीच टकराव हो सकता है।
सिक्किम: विपक्ष का अभाव और SKM का निर्विरोध चुनाव
सिक्किम की दो विधानसभा सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) के प्रत्याशी निर्विरोध विजयी हो चुके हैं। विपक्ष के उम्मीदवारों के नाम वापस लेने के बाद एसकेएम का दबदबा स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
- इन उपचुनावों का परिणाम अगले साल होने वाले आम चुनावों के लिए महत्वपूर्ण संकेत देगा। राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्यों में जहां जातिगत और वंशवादी मुद्दे बड़े हैं, वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में व्यक्तिगत लोकप्रियता और पार्टी की छवि चुनावी परिणाम तय करेगी। वहीं, प्रियंका गांधी के पहले चुनाव का परिणाम देशभर के लिए राजनीतिक संदेश भी देगा।
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