संकिसा में बौद्ध पर्यटक की अचानक तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
म्यांमार से भारत भ्रमण पर आए 81 सदस्यीय बौद्ध तीर्थयात्रियों के दल में शामिल 65 वर्षीय न्यू न्यू आए की संकिसा में तबीयत बिगड़ गई। कई बार उल्टी होने के बाद प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल लोहिया ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, पर्यटक डायरिया से पीड़ित थी।

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : संकिसा में बौद्ध पर्यटक की बिगड़ी तबीयत, जिला अस्पताल में हुई मौत
फर्रुखाबाद। म्यांमार से भारत आए 81 सदस्यीय बौद्ध तीर्थयात्रियों के दल में शामिल एक 65 वर्षीय पर्यटक की संकिसा में तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। मृतक की पहचान न्यू न्यू आए के रूप में हुई है, जो म्यांमार के एक रिटायर्ड प्रोफेसर थे।
पर्यटन यात्रा की प्रमुख जानकारी:
तारीख | घटना |
---|---|
6 मार्च | म्यांमार से 81 सदस्यीय दल भारत आया |
22 मार्च | 18 सदस्यीय दल संकिसा पहुंचा |
22 मार्च | न्यू न्यू आए की तबीयत बिगड़ी |
22 मार्च | प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल लोहिया ले जाया गया |
22 मार्च | डॉक्टरों ने मृत घोषित किया |
संकिसा से अस्पताल तक
22 मार्च को दिल्ली से 81 में से 18 सदस्यीय दल MTM टूर एंड ट्रेवल्स की मैनेजर के साथ फर्रुखाबाद जिले के ऐतिहासिक बौद्ध स्थल संकिसा पहुंचा। इसी दल में शामिल 65 वर्षीय न्यू न्यू आए की अचानक तबीयत खराब हो गई।
प्रारंभ में उन्हें कई बार उल्टी होने लगी, जिसके बाद स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार दिलाया गया। लेकिन जब उनकी हालत और बिगड़ने लगी, तो प्रभु दयाल नामक व्यक्ति ने अपने निजी वाहन से उन्हें जिला अस्पताल लोहिया पहुंचाया।
डॉक्टरों ने बताया डायरिया था कारण
जिला अस्पताल लोहिया की इमरजेंसी में डॉ. वैभव यादव ने विदेशी पर्यटक का परीक्षण किया और उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, साथ आए लोगों ने बताया कि न्यू न्यू आए डायरिया से पीड़ित थीं।
मृतक पर्यटक के साथ आई उषा जेंग मोग ने कहा कि जब वे भारत आई थीं, तब भी उनकी तबीयत खराब थी। वे पहले से ही उल्टी और दस्त से परेशान थीं। उनके साथ उनकी बड़ी बहन भी मौजूद थीं, जो इस त्रासदी से स्तब्ध हैं।
बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा में सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने बौद्ध तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या संकिसा जैसे ऐतिहासिक स्थलों पर पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं? यह एक अहम मुद्दा है, जिस पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
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