महाबोधि बिहार B.T. Act 1949 खत्म करने की मांग : राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन

बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर के प्रबंधन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। महामाया बौद्ध फाउंडेशन ट्रस्ट और बोधि पुस्तकालय एवं 'महा समता बुद्ध विहार समिति' ने बिहार के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर B.T. Act 1949 को समाप्त करने और महाबोधि मंदिर का संपूर्ण प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया कि मौजूदा कानून के तहत मंदिर प्रबंधन में बौद्धों की भागीदारी कम है, जिससे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता बाधित हो रही है।

Feb 25, 2025 - 13:56
May 19, 2025 - 09:37
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महाबोधि बिहार B.T. Act 1949 खत्म करने की मांग : राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर के प्रबंधन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। महामाया बौद्ध फाउंडेशन ट्रस्ट और बोधि पुस्तकालय एवं 'महा समता बुद्ध विहार समिति' ने बिहार के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर B.T. Act 1949 को समाप्त करने और महाबोधि मंदिर का संपूर्ण प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया कि मौजूदा कानून के तहत मंदिर प्रबंधन में बौद्धों की भागीदारी कम है, जिससे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता बाधित हो रही है।

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महाबोधि मंदिर प्रबंधन को लेकर बढ़ता विवाद

महामाया बौद्ध फाउंडेशन ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

फर्रुखाबाद: महामाया बौद्ध फाउंडेशन ट्रस्ट ने बिहार के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा, जिसमें B.T. Act 1949 को निरस्त करने और महाबोधि मंदिर का संपूर्ण स्वामित्व बौद्ध समाज को सौंपने की मांग की गई। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि यह अधिनियम मंदिर प्रबंधन में बौद्धों के अधिकारों का हनन करता है और संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।

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ज्ञापन में कहा गया कि वर्तमान में मंदिर प्रबंधन समिति में केवल चार बौद्ध प्रतिनिधि हैं, जबकि अन्य धर्मों के पांच सदस्य इसमें शामिल हैं। यह असंतुलन बौद्ध समाज के लिए अनुचित है और उन्हें उनके धार्मिक स्थल पर पूरा अधिकार मिलना चाहिए।


बोधि पुस्तकालय एवं 'महा समता बुद्ध विहार समिति' का ज्ञापन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को

फर्रुखाबाद: बोधि पुस्तकालय एवं 'महा समता बुद्ध विहार समिति' ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपकर B.T. Act 1949 को निरस्त करने की मांग की। समिति ने तर्क दिया कि महाबोधि मंदिर विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) होने के बावजूद इसका पूर्ण प्रबंधन बौद्ध समाज के पास नहीं है, जो धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।

समिति ने कहा कि महाबोधि मंदिर बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है, लेकिन इसके प्रबंधन में बौद्धों की भागीदारी सीमित कर दी गई है। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य अधिकारियों से अपील की कि B.T. Act 1949 को तुरंत समाप्त किया जाए और मंदिर का पूरा नियंत्रण बौद्ध समुदाय को सौंपा जाए।


बौद्ध समाज की प्रमुख मांगें

मांग विवरण
B.T. Act 1949 को समाप्त किया जाए मंदिर प्रबंधन समिति में अन्य धर्मों का हस्तक्षेप खत्म हो
महाबोधि मंदिर का प्रबंधन बौद्धों को सौंपा जाए बौद्ध समाज को अपने धार्मिक स्थल पर पूरा अधिकार मिले
धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की जाए संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक अधिकारों का पालन हो

बौद्ध समाज में बढ़ता असंतोष और आंदोलन की चेतावनी

बौद्ध समाज के कई वरिष्ठ लोगों और अनुयायियों ने भी ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और सरकार से जल्द कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो देशभर में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

बौद्ध समुदाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि महाबोधि विहार को ब्राह्मणों के नियंत्रण से मुक्त किया जाना चाहिए और बौद्ध अनुयायियों को उनके पवित्र स्थल पर संपूर्ण अधिकार मिलना चाहिए।

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