फर्रुखाबाद में वकीलों ने कानून मंत्री का पुतला फूंका : अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के विरोध में वकीलों का हड़ताल जारी

फर्रुखाबाद में अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में घुसकर बैरिकेडिंग तोड़ी और कानून मंत्री के पुतले का दहन किया। पुलिस ने पुतला छीनने का प्रयास किया, जिससे झड़प हो गई। अधिवक्ताओं ने इस बिल को "काला कानून" बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है।

Feb 25, 2025 - 14:07
May 19, 2025 - 09:37
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फर्रुखाबाद में वकीलों ने कानून मंत्री का पुतला फूंका : अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के विरोध में वकीलों का हड़ताल जारी

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फर्रुखाबाद में अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में घुसकर बैरिकेडिंग तोड़ी और कानून मंत्री के पुतले का दहन किया। पुलिस ने पुतला छीनने का प्रयास किया, जिससे झड़प हो गई। अधिवक्ताओं ने इस बिल को "काला कानून" बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है।

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विरोध प्रदर्शन का घटनाक्रम

अधिवक्ताओं का गुस्सा फूटा, कलेक्ट्रेट परिसर में हंगामा

फर्रुखाबाद: अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के खिलाफ अधिवक्ताओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आज जिले के वकीलों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जबरदस्त प्रदर्शन किया। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट का गेट जबरन खोलकर बैरिकेडिंग तोड़ दी और परिसर में घुस गए।

INDC Network Poster

पुलिस से भिड़ंत, पुतला दहन का प्रयास

प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं ने कानून मंत्री का पुतला लेकर प्रदर्शन किया। कोतवाली फतेहगढ़ के प्रभारी सत्यप्रकाश ने जब पुतला छीनने का प्रयास किया, तो वकीलों ने उन्हें धक्का देकर बाहर निकाल दिया। इस दौरान पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच झड़प भी हुई, लेकिन आक्रोशित वकीलों ने नारेबाजी करते हुए अंततः पुतले को आग के हवाले कर दिया।

"अधिवक्ता बिल 2025 एक काला कानून"

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्निहोत्री ने कहा,

"यह बिल पूरी तरह से वकीलों के हितों के खिलाफ है। सरकार को इसे तत्काल वापस लेना चाहिए, नहीं तो हमारा आंदोलन और उग्र होगा।"

बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार, अधिवक्ता समुदाय इस बिल का विरोध कर रहा है। फर्रुखाबाद के वकीलों ने 21 फरवरी से आंदोलन तेज कर दिया है और 25 फरवरी 2025 को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया।


अधिवक्ताओं की मुख्य मांगें

मांग विवरण
अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 को वापस लिया जाए अधिवक्ता इसे वकीलों के अधिकारों का हनन मानते हैं।
वकीलों की स्वतंत्रता बनी रहे बिल से वकीलों की स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है।
सरकार बिना वकीलों की सहमति के ऐसे फैसले न ले सरकार को वकीलों के साथ चर्चा करनी चाहिए।
न्यायिक कार्यों में अधिवक्ताओं की भूमिका को सुरक्षित रखा जाए इस कानून से वकीलों के अधिकार सीमित हो सकते हैं।

क्या होगा आगे?

अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने सरकार से तुरंत इस बिल को वापस लेने की अपील की है। बार एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि अगर सरकार जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो प्रदेशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया जाएगा।

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Arpit Shakya नमस्कार! मैं अर्पित शाक्य, INDC Network का मुख्य संपादक हूँ। मेरा उद्देश्य सूचनाओं को जिम्मेदारी और निष्पक्षता के साथ आप तक पहुँचाना है। INDC Network पर मैं स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों को आपकी भाषा में सरल, तथ्यपरक और विश्वसनीय रूप में प्रस्तुत करता/करती हूँ। पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा विश्वास है कि हर खबर का सच सामने आना चाहिए, और यही सोच मुझे जनहित से जुड़ी खबरों की तह तक जाने के लिए प्रेरित करती है। चाहे वह गाँव की आवाज़ हो या देश की बड़ी हलचल – मेरा प्रयास रहता है कि आपके सवालों को मंच मिले और जवाब मिलें। मैंने INDC Network को एक ऐसे डिजिटल मंच के रूप में तैयार किया है, जहाँ लोकल मुद्दों से लेकर ग्लोबल घटनाओं तक हर आवाज़ को जगह मिलती है। यहाँ मेरी प्रोफ़ाइल के माध्यम से आप मेरे द्वारा लिखे गए समाचार, लेख, इंटरव्यू और रिपोर्ट्स पढ़ सकते हैं।