अखिलेश यादव के गौशाला और दुर्गंध वाले बयान पर बवाल, BJP ने कहा- ‘मां पर टिप्पणी नहीं करते’
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के गौशाला और दुर्गंध को लेकर दिए गए बयान पर बवाल मच गया है। बीजेपी ने इसे गौ माता का अपमान बताया और अखिलेश से माफी मांगने की मांग की। अखिलेश के बयान के बाद हिंदू संगठनों में भी नाराजगी देखी जा रही है। वहीं, सपा ने सफाई देते हुए कहा कि उनका बयान गौशालाओं की बदहाल स्थिति पर था, लेकिन बीजेपी इसे राजनीतिक रंग दे रही है। आइए जानते हैं—

INDC Network : नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गौशालाओं की बदहाल स्थिति को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था:
"गौशालाओं में इतनी गंदगी और दुर्गंध है कि वहां कोई जाने की हिम्मत नहीं करता। सरकार ने गायों के लिए कोई सही व्यवस्था नहीं की है।"
अखिलेश ने यह भी कहा कि गौशालाओं में गायें भूख और बीमारी से मर रही हैं, लेकिन सरकार सिर्फ राजनीति कर रही है।
बीजेपी का पलटवार: ‘गाय माता पर अपमानजनक टिप्पणी बर्दाश्त नहीं’
अखिलेश यादव के बयान के बाद भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
बीजेपी नेता | प्रतिक्रिया |
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केशव प्रसाद मौर्य | "अखिलेश यादव को गौ माता का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।" |
स्वतंत्र देव सिंह | "गौशालाओं की स्थिति सुधारने की बजाय सपा सिर्फ राजनीति कर रही है।" |
योगी आदित्यनाथ (अप्रत्यक्ष टिप्पणी) | "गाय हमारी आस्था का प्रतीक है, इसे अपमानित करना सही नहीं।" |
बीजेपी ने अखिलेश के बयान को हिंदू भावनाओं से जोड़ते हुए उन पर गौ माता के अपमान का आरोप लगाया है।
सपा की सफाई:
सपा प्रवक्ता का कहना है कि अखिलेश यादव का बयान गौ माता के खिलाफ नहीं था, बल्कि सरकार की विफलता उजागर करने के लिए था।
सपा ने सरकार पर आरोप लगाया कि गौशालाओं में गायों की उचित देखभाल नहीं हो रही है, और सरकार सिर्फ हिंदू वोट बैंक की राजनीति कर रही है।
सपा का बयान:
"हम गौ माता का सम्मान करते हैं, लेकिन सरकार की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।"
हिंदू संगठनों में भी नाराजगी
करणी सेना, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने अखिलेश यादव के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और उनसे माफी मांगने की मांग की।
कुछ संगठनों ने सपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
करणी सेना के प्रवक्ता ने कहा:
"अगर सपा सरकार में होती, तो गौशालाओं की हालत और खराब होती। अखिलेश यादव सिर्फ हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं।"
आगे क्या होगा?
बीजेपी और हिंदू संगठनों का विरोध जारी है, जिसके चलते सपा पर दबाव बढ़ सकता है।
अखिलेश यादव अभी भी अपने बयान पर कायम हैं, लेकिन अगर विरोध तेज हुआ तो वे सफाई देने के लिए आगे आ सकते हैं।
चुनावी मौसम में यह मुद्दा बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले सकता है।
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