लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान सपा विधायक पल्लवी पटेल हिरासत में, जानिए क्या है पूरा मामला?
लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक पल्लवी पटेल को पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया, जब वह सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। पुलिस ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन बिना अनुमति हो रहा था और इससे शहर में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका थी। हालांकि, सपा कार्यकर्ताओं ने इसे तानाशाही करार दिया और सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाया। जानिए, इस पूरे घटनाक्रम की पूरी जानकारी—

INDC Network: लखनऊ, उत्तर प्रदेश : समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक पल्लवी पटेल लखनऊ में सरकारी नीतियों और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। यह प्रदर्शन हजरतगंज इलाके में हो रहा था, जहां बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता भी मौजूद थे। विधायक पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया कि सरकार जनता की आवाज दबा रही है और विपक्ष को बोलने तक नहीं दिया जा रहा।
पल्लवी पटेल का बयान:
"यह सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। हम जनता के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन हमें जबरदस्ती रोका जा रहा है।"
पुलिस ने क्यों लिया हिरासत में?
पुलिस के अनुसार, यह प्रदर्शन बिना अनुमति किया जा रहा था और इससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही थी।
घटना का विवरण:
घटना | पुलिस का बयान | नतीजा |
---|---|---|
लखनऊ में प्रदर्शन | "बिना अनुमति प्रदर्शन हो रहा था" | पुलिस ने कार्रवाई की |
पल्लवी पटेल को रोका गया | "कानून व्यवस्था बिगड़ सकती थी" | हिरासत में लिया गया |
सपा कार्यकर्ताओं का हंगामा | "सड़क जाम किया गया" | कई कार्यकर्ता भी हिरासत में |
लखनऊ पुलिस का बयान:
"शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। बिना अनुमति कोई भी प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
सपा का विरोध, कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा
पल्लवी पटेल की गिरफ्तारी के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है। सपा नेता गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
सपा प्रवक्ता का बयान:
"अगर विपक्ष को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी, तो यह सरकार लोकतंत्र विरोधी है।"
फिलहाल, सपा विधायक पल्लवी पटेल को पुलिस हिरासत में रखा गया है। दूसरी ओर, सपा कार्यकर्ता थाने के बाहर डटे हुए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले पर सपा और भाजपा के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो सकती है।
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