म्यांमार में 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप: भारत सहित कई देशों में तेज झटके, दहशत में लोग
म्यांमार के सगाइंग क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे भारत, बांग्लादेश और थाईलैंड समेत कई देशों में तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप के बाद 6.4 तीव्रता का एक और झटका आया, जिसने दहशत बढ़ा दी। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। म्यांमार में नुकसान का आकलन जारी है, जबकि विशेषज्ञ आफ्टरशॉक्स की संभावना जता रहे हैं।

INDC Network : देश-विदेश : म्यांमार में आया 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप
म्यांमार के सगाइंग क्षेत्र में आज सुबह एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 7.7 मैग्निट्यूड मापी गई। इस भूकंप का प्रभाव इतना व्यापक था कि भारत, बांग्लादेश और थाईलैंड जैसे पड़ोसी देशों में भी इसके तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:50 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 11:20 बजे) दर्ज किया गया। इससे कुछ ही मिनटों बाद 6.4 तीव्रता का एक और झटका आया, जिसने स्थिति को और भयावह बना दिया।
भारत में भी महसूस हुए झटके, लोग घरों से बाहर निकले
म्यांमार में आए भूकंप का असर उत्तर भारत में भी देखने को मिला। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में लोग भूकंप के झटकों से घबरा गए और घरों, दफ्तरों और स्कूलों से बाहर निकलकर खुले स्थानों में आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, झटके काफी देर तक महसूस किए गए और कई इमारतों में कंपन देखा गया। दिल्ली में कई कॉर्पोरेट दफ्तरों को खाली कराया गया, जबकि कोलकाता और पटना में लोग सड़कों पर उतर आए।
म्यांमार में संभावित नुकसान, राहत कार्य जारी
म्यांमार में आए इस शक्तिशाली भूकंप के कारण सगाइंग क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नुकसान की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, अभी तक किसी बड़ी जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है। भूकंप के झटकों के बाद स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। कई इमारतों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें आई हैं, और अधिकारियों ने प्रभावित इलाकों का निरीक्षण शुरू कर दिया है।
बांग्लादेश और थाईलैंड में भी दिखा असर
बांग्लादेश के चटगांव और ढाका में भी इस भूकंप के झटके महसूस किए गए। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि ऊंची इमारतें हिलने लगीं, जिससे लोग डर के मारे बाहर भाग निकले। इसी तरह, थाईलैंड के उत्तरी क्षेत्रों में भी हल्के झटके महसूस किए गए, हालांकि वहां से किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
विशेषज्ञों की चेतावनी: आफ्टरशॉक्स का खतरा बरकरार
भूकंप विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि म्यांमार और आसपास के क्षेत्रों में अगले कुछ घंटों में आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद आने वाले झटके) महसूस किए जा सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने लोगों से ऊंची इमारतों और जोखिम भरे क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। भारत में भी आपदा प्रबंधन एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
भारत में भूकंपरोधी तैयारियों पर फिर उठा सवाल
इस भूकंप ने एक बार फिर भारत में भूकंपरोधी संरचनाओं और आपदा प्रबंधन तंत्र की मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली, कोलकाता और उत्तर भारत के कई हिस्से भूकंपीय जोन 4 और 5 में आते हैं, जहां भूकंप का खतरा अधिक रहता है। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में भूकंपरोधी भवनों के निर्माण को और सख्ती से लागू करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से नुकसान को कम किया जा सके।
म्यांमार का यह भूकंप पूरे दक्षिण एशिया के लिए एक चेतावनी है। हालांकि, भारत में इस भूकंप से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह घटना यह दर्शाती है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयारियां पहले से ही मजबूत होनी चाहिए। म्यांमार में राहत कार्य तेज कर दिए गए हैं और स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय नजर बनी हुई है। आने वाले दिनों में इस भूकंप के प्रभाव को लेकर और अधिक जानकारी सामने आ सकती है।
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