विनेश फोगाट का कुश्ती से संन्यास: पेरिस ओलंपिक से अयोग्यता के बाद लिया बड़ा निर्णय

विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित होने के एक दिन बाद अपने कुश्ती करियर को अलविदा कह दिया। वजन माप में 100 ग्राम अधिक होने के कारण उन्हें प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया। विनेश ने सोशल मीडिया पर अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी हिम्मत टूट चुकी है और अब उनके पास ताकत नहीं बची है। उन्होंने कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन फ़ॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की है, लेकिन यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने नियम बदलने से इंकार कर दिया है।

Aug 8, 2024 - 06:42
Aug 9, 2024 - 17:55
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विनेश फोगाट का कुश्ती से संन्यास: पेरिस ओलंपिक से अयोग्यता के बाद लिया बड़ा निर्णय
Image Sourse : Olympic Khel (X)

INDC Network : खेल : पेरिस ओलंपिक 2024 : विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित होने के एक दिन बाद अपने कुश्ती करियर को अलविदा कह दिया। गुरुवार सुबह सोशल मीडिया पर उन्होंने कुश्ती से संन्यास की घोषणा की। उन्होंने लिखा, "कुश्ती ने मुझसे मैच जीता, मैं हार गई... आपके सपने और मेरी हिम्मत टूट गई है। अब मुझमें और ताकत नहीं है। अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं हमेशा आप सभी की ऋणी रहूंगी। माफ़ करें।"

विनेश को बुधवार सुबह वजन मापने में विफल रहने के कारण पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उनका वजन 100 ग्राम अधिक था। 29 वर्षीय विनेश ओलंपिक खेलों के फ़ाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई थीं और उन्होंने महिलाओं के 50 किग्रा में कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया था। हालांकि, मुकाबले की सुबह अनिवार्य वजन माप में उनका वजन अधिक पाया गया और उन्हें प्रतियोगिता से अयोग्य घोषित कर दिया गया।

वजन कम करने के प्रयास में विनेश को भूखे रहना पड़ा, तरल पदार्थों से परहेज़ करना पड़ा और पूरी रात जागकर पसीना बहाना पड़ा। उन्होंने अपने बाल भी छोटे करवाने की कोशिश की, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया। विनेश ने अपनी अयोग्यता के खिलाफ़ CAS (कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन फ़ॉर स्पोर्ट्स) में अपील की है, जिसमें उन्होंने संयुक्त रजत पदक की मांग की है।

बुधवार की देर रात, विनेश ने CAS में अपील की। CAS ने गुरुवार सुबह इस मामले पर सुनवाई की। विनेश की अयोग्यता के बाद, सेमीफाइनल में उनसे हारने वाली क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़ ने फाइनल में अमेरिकी सारा एन हिल्डेब्रांट के खिलाफ़ मुकाबला किया। हिल्डेब्रांट ने मुकाबला जीतकर स्वर्ण पदक जीता।

यूडब्ल्यूडब्ल्यू (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) ने आईओए को यह सूचित किया है कि वर्तमान वजन-माप नियम जिसे विनेश के अयोग्य घोषित होने का कारण बना, उसे बदला नहीं जा सकता। यूडब्ल्यूडब्ल्यू प्रमुख नेनाद लालोविक ने कहा, "मुझे इस (भारत की अपील) से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मैं इसका नतीजा जानता हूँ। यह प्रतियोगिता के नियम हैं और मुझे नहीं लगता कि यह (निर्णय को पलटना) संभव है।"


विनेश फोगाट के जीवन पर एक नजर

विनेश फोगाट एक प्रमुख भारतीय महिला पहलवान हैं, जो हरियाणा के फोगाट परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जिसे कुश्ती के लिए जाना जाता है। वह महावीर सिंह फोगाट की भतीजी और फोगाट सिस्टर्स की सदस्य हैं, जिनमें गीता और बबीता फोगाट भी शामिल हैं।

प्रारंभिक जीवन:

विनेश का जन्म 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के बलाली गाँव में हुआ था। वह अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कुश्ती में शामिल हुईं और जल्द ही अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया।

उपलब्धियाँ और पदक:

विनेश फोगाट ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदक जीते हैं:

  1. 2014 राष्ट्रमंडल खेल: ग्लासगो में स्वर्ण पदक।
  2. 2018 राष्ट्रमंडल खेल: गोल्ड कोस्ट में स्वर्ण पदक।
  3. 2018 एशियाई खेल: जकार्ता में स्वर्ण पदक।
  4. 2020 टोक्यो ओलंपिक: यहां उन्होंने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया।
  5. विश्व कुश्ती चैंपियनशिप: विनेश ने इस चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
  6. एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप: उन्होंने इस चैंपियनशिप में कई बार पदक जीते हैं।

विनेश फोगाट ने महिला कुश्ती में भारत को एक नया मुकाम दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी भारत के लिए प्रेरणास्रोत है।


ओलंपिक कुश्ती के नियमों को विश्व कुश्ती संघ (UWW) द्वारा निर्धारित किया जाता है। यहाँ ओलंपिक कुश्ती के प्रमुख नियमों का विवरण है:

1. कुश्ती के प्रकार:

  • फ्रीस्टाइल: पहलवान अपने प्रतिद्वंद्वी को शरीर के किसी भी हिस्से से पकड़ सकता है।
  • ग्रीको-रोमन: पहलवान केवल कमर से ऊपर के हिस्से को पकड़ सकते हैं। पैरों का इस्तेमाल नहीं किया जाता।

2. मैच की संरचना:

  • एक कुश्ती मैच दो तीन मिनट की अवधि (राउंड) में विभाजित होता है। दोनों राउंड के बीच 30 सेकंड का विश्राम होता है।
  • प्रत्येक राउंड की शुरुआत पहलवानों के स्टैंडिंग पोजीशन से होती है।

3. मैच जीतने के तरीके:

  • पिन: प्रतिद्वंद्वी के दोनों कंधों को मैट पर एक साथ दबाने से मैच सीधे जीत लिया जाता है।
  • पॉइंट्स: यदि मैच के अंत तक कोई पिन नहीं होता, तो अंक गणना के आधार पर विजेता तय किया जाता है। अंक विभिन्न तकनीकों और पकड़ के लिए दिए जाते हैं।
  • टेक्निकल सुपीरियॉरिटी: यदि एक पहलवान अपने प्रतिद्वंद्वी से 10 (फ्रीस्टाइल) या 8 (ग्रीको-रोमन) अंक आगे होता है, तो उसे विजेता घोषित किया जाता है।

4. अंक प्रणाली:

  • टेकडाउन: 2 से 4 अंक, प्रतिद्वंद्वी को मैट पर गिराने के लिए।
  • रिवर्सल: 1 अंक, जब पहलवान अपने बचाव से हमले की स्थिति में आता है।
  • पार्टर: 1 से 2 अंक, प्रतिद्वंद्वी को नीचे की स्थिति में रखकर पकड़ने के लिए।
  • डेंजर पोजीशन: 2 अंक, प्रतिद्वंद्वी को खतरनाक स्थिति में रखने के लिए।

5. फाउल और निषेध: फाउल करने पर अंक कट सकते हैं, और गंभीर मामलों में अयोग्यता भी हो सकती है। अवैध चालों में हिटिंग, बाइटिंग, और मैट से बाहर धकेलना शामिल है।
6. मैट का आकार: मुकाबला 12 मीटर के व्यास वाली गोलाकार मैट पर होता है। मैट के बीच में एक सर्कल होता है जो मुख्य लड़ाई क्षेत्र होता है।
7. रेफरी: रेफरी मैच के दौरान निर्णय लेते हैं, अंक देते हैं और किसी भी फाउल के लिए चेतावनी जारी करते हैं।

ये नियम सुनिश्चित करते हैं कि ओलंपिक कुश्ती मुकाबले सुरक्षित, निष्पक्ष और रोमांचक बने रहें।


विनेश फोगाट की बहन गीता और बबीता फोगाट के बारे में कुछ जानकारी :

गीता और बबीता फोगाट, दोनों ही भारतीय महिला पहलवान हैं, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में मेडल जीते हैं। उनके मुख्य मेडल निम्नलिखित हैं:

गीता फोगाट:

  • 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स (दिल्ली, भारत): स्वर्ण पदक (55 किग्रा फ्रीस्टाइल)
  • 2012 एशियन कुश्ती चैंपियनशिप (गुम्बा, कजाकिस्तान): कांस्य पदक (55 किग्रा फ्रीस्टाइल)
  • 2012 ओलंपिक क्वालिफायर टूर्नामेंट (कज़ाकिस्तान): क्वालीफाईड (लंदन ओलंपिक्स के लिए, 55 किग्रा फ्रीस्टाइल)

बबीता फोगाट:

  • 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स (दिल्ली, भारत): रजत पदक (51 किग्रा फ्रीस्टाइल)
  • 2011 कॉमनवेल्थ कुश्ती चैंपियनशिप (मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया): स्वर्ण पदक (48 किग्रा फ्रीस्टाइल)
  • 2012 एशियन कुश्ती चैंपियनशिप (गुम्बा, कजाकिस्तान): कांस्य पदक (51 किग्रा फ्रीस्टाइल)
  • 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स (ग्लासगो, स्कॉटलैंड): स्वर्ण पदक (55 किग्रा फ्रीस्टाइल)
  • 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स (गोल्ड कोस्ट, ऑस्ट्रेलिया): रजत पदक (53 किग्रा फ्रीस्टाइल)

इन दोनों बहनों ने भारतीय महिला कुश्ती में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और देश के लिए गर्व का कारण बनी हैं।

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