उत्तर प्रदेश में बन रहा है 7,700 करोड़ की योजना से आगरा-बरेली एक्सप्रेसवे!
उत्तर प्रदेश सरकार और एनएचएआई द्वारा बनाई जा रही आगरा-बरेली एक्सप्रेसवे परियोजना 228 किलोमीटर लंबी होगी, जिसकी कुल लागत ₹7,700 करोड़ है। यह एक्सप्रेसवे आगरा और बरेली के बीच यात्रा समय को 5 घंटे से घटाकर मात्र 2.5 घंटे कर देगा। 15 जिलों को लाभ मिलेगा और पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। इसके तहत 20 फ्लाईओवर, 26 अंडरपास, 6 रेलवे ओवरब्रिज और 5 बड़े पुल बनाए जाएंगे। पूरी परियोजना 2027 तक पूरी होने की उम्मीद है।

INDC Network : उत्तर प्रदेश : आगरा-बरेली एक्सप्रेसवे: उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को देगा नया रूप
उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर एक बड़ी परियोजना को अंजाम दे रही हैं। यह परियोजना आगरा-बरेली एक्सप्रेसवे है, जो कि कुल 228 किलोमीटर लंबा होगा। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद आगरा से बरेली पहुंचने में अब तक लगने वाले 5 घंटे घटकर मात्र 2 घंटे 30 मिनट रह जाएंगे।

₹7,700 करोड़ की लागत, चार भागों में निर्माण
इस परियोजना पर कुल ₹7,700 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं और इसका निर्माण चार अलग-अलग पैकेज में किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इसकी निगरानी कर रहा है। इसके चार खंडों में निम्नलिखित ठेकेदार कार्यरत हैं:
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मथुरा से हाथरस: PNC
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हाथरस से कासगंज: GR Infra Private Limited
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कासगंज से बदायूं: Dhariwal Construction Private Limited
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बदायूं से बरेली: अन्य स्थानीय कंपनियां
ढांचागत विकास: गाँवों और पर्यटकों दोनों को होगा लाभ
इस परियोजना में सिर्फ सड़क ही नहीं बल्कि अन्य बुनियादी ढांचे का भी विकास किया जा रहा है। इसमें शामिल हैं:
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20 फ्लाईओवर
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26 अंडरपास
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6 रेलवे ओवरब्रिज
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5 बड़े पुल
ब्रह्मण घाट (मथुरा) में यमुना नदी पर एक पुल बन चुका है और दूसरा गंगा नदी पर सोरों में बनने की योजना है।
पर्यटन को मिलेगा जबरदस्त बढ़ावा
इस एक्सप्रेसवे से न केवल आगरा और बरेली के बीच यात्रा आसान होगी बल्कि यह रास्ता नैनीताल जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तक पहुंचने में भी मददगार होगा। हाथरस, कासगंज, बदायूं, और मथुरा जैसे जिले इस मार्ग से नैनीताल तक सीधी और तेज पहुंच बना सकेंगे।
परियोजना निदेशक संजय वर्मा का बयान
एनएचएआई के परियोजना निदेशक संजय वर्मा ने बताया कि यह परियोजना 2027 तक पूर्ण हो जाएगी। निर्माण कार्य में तेजी लाई जा रही है और जून 2025 तक हाथरस तक का सेक्शन तैयार हो जाने की उम्मीद है।
तालिका: मथुरा-बरेली कॉरिडोर की दूरी
मार्ग खंड | दूरी (किलोमीटर में) |
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मथुरा से हाथरस | 66 किमी |
हाथरस से कासगंज | 57 किमी |
कासगंज से बदायूं | 46 किमी |
बदायूं से बरेली | 59 किमी |
कुल दूरी | 228 किमी |
लाभान्वित जिलों की सूची
आगरा, मथुरा, हाथरस, एटा, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, बदायूं, बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, रामपुर, मैनपुरी, कन्नौज, लखीमपुर खीरी
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