असदुद्दीन ओवैसी को मंच पर नोटिस: भड़काऊ भाषणों पर बढ़ी निगरानी, वक्फ बिल और बुलडोजर विवाद
महाराष्ट्र के सोलापुर विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को पुलिस ने भड़काऊ भाषणों से बचने के लिए नोटिस दिया। ओवैसी, जो वक्फ बिल 2024 के कट्टर आलोचक हैं, ने सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर न्याय पर दिए गए दिशानिर्देशों का स्वागत किया है। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर मुसलमानों और हाशिए पर पड़े समुदायों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। यह पहली बार नहीं है जब ओवैसी को उनके भाषणों के लिए नोटिस मिला है।

INDC Network : भारत : असदुद्दीन ओवैसी को मंच पर नोटिस: भड़काऊ भाषणों पर बढ़ी निगरानी, वक्फ बिल और बुलडोजर विवाद
मंच पर नोटिस: चुनाव प्रचार के बीच बढ़ी सख्ती
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को महाराष्ट्र के सोलापुर विधानसभा क्षेत्र में एक रैली के दौरान पुलिस ने नोटिस दिया। ओवैसी, जो एआईएमआईएम के उम्मीदवार फारूक शब्दी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे, को भड़काऊ भाषणों से बचने और किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचाने की हिदायत दी गई।
नोटिस उस समय दिया गया जब ओवैसी रैली में मंच पर मौजूद थे। उन्होंने नोटिस पढ़ते हुए मोबाइल फोन पर बातचीत जारी रखी।
नोटिस का संदर्भ: कोई विशेष घटना का उल्लेख नहीं
नोटिस में किसी विशेष भाषण का जिक्र नहीं किया गया, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया कि चुनाव प्रचार के दौरान कोई विवादित बयान न दिया जाए। चुनावी माहौल में भाषणों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, जिससे पुलिस की यह कार्रवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
वक्फ बिल 2024: ओवैसी की सख्त आलोचना
असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बिल 2024 पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। ओवैसी का कहना है कि यह बिल मुस्लिम संस्थानों की संपत्ति को सरकारी नियंत्रण में लेने का प्रयास है।
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सुप्रीम कोर्ट का ‘बुलडोजर न्याय’ पर दिशानिर्देश
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में जारी किए गए ‘बुलडोजर न्याय’ पर दिशानिर्देशों को लेकर ओवैसी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि सरकारें आरोपी को दोषी ठहराने और उसकी संपत्ति ध्वस्त करने जैसे कदम नहीं उठा सकतीं।
ओवैसी ने कहा, "यह आदेश राज्य सरकारों को मुसलमानों और अन्य हाशिए पर पड़े समुदायों को सामूहिक दंड देने से रोकेगा।" उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह बुलडोजर कार्रवाई का इस्तेमाल सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए कर रही है।
ओवैसी का आरोप: सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा
ओवैसी ने अपने भाषण में उदाहरण देते हुए कहा, "मान लीजिए कि एक मोहल्ले में 50 घर हैं, लेकिन केवल अब्दुर रहमान का घर ही अवैध घोषित कर उसे तोड़ा जा रहा है। इससे यह दावा किया जा रहा है कि पूरा इलाका अवैध नहीं है, बल्कि सिर्फ उसका घर। यह घृणा फैलाने का प्रमुख उदाहरण है।"
महाराष्ट्र की राजनीतिक जटिलता और एआईएमआईएम की आलोचना
महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना और एनसीपी के विभाजन और नए गठबंधनों के बाद स्थिति जटिल हो गई है। ओवैसी ने राज्य की अन्य पार्टियों पर विचारधारा से समझौता करने और वैचारिक दिशा खोने का आरोप लगाया।
भाषणों पर लगातार निगरानी
यह पहली बार नहीं है जब ओवैसी को उनके भाषणों के लिए नोटिस मिला है। इससे पहले, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले वाराणसी में एक बैठक के दौरान उनके कथित सांप्रदायिक बयान के लिए चुनाव आयोग ने भी नोटिस जारी किया था।
चुनावी रैलियों में विवाद बढ़ने की आशंका
महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान भाषणों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। ओवैसी जैसे प्रभावशाली नेताओं के बयान राजनीतिक और सांप्रदायिक माहौल को प्रभावित कर सकते हैं। पुलिस और चुनाव आयोग दोनों इस पर सतर्कता बरत रहे हैं।
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