स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने की सख्त कार्रवाइयों की घोषणा, क्या बदलाव आएगा?
फतेहगढ़ में जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह की अध्यक्षता में स्वास्थ्य समिति की मासिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। संस्थागत प्रसव की कम संख्या पर नाराजगी जताते हुए आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत भुगतान में गड़बड़ी के लिए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने की सख्त कार्रवाइयों की घोषणा, क्या बदलाव आएगा?
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य समिति की बैठक में कड़े फैसले
फतेहगढ़ में आयोजित स्वास्थ्य समिति की मासिक बैठक में जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह ने कई अहम निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने संस्थागत प्रसव की कम संख्या पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन सीएचसी और पीएचसी में जनपद एवरेज से कम प्रसव हुए हैं, उनके प्रभारियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाए। इसके साथ ही, जननी सुरक्षा योजना के कंसल्टेंट अतुल गुप्ता की कार्यप्रणाली असंतोषजनक पाई गई, जिससे सीएमओ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में प्रस्तावों पर चर्चा
बैठक में कुल चार प्रस्ताव पेश किए गए, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव निम्नलिखित थे:
प्रस्ताव | विवरण |
---|---|
प्रस्ताव 1 | नगरीय क्षेत्रों हेतु 12 अर्बन आयुष्मान आरोग्य मंदिर के संचालन के लिए क्रय प्रस्ताव स्वीकृत। |
प्रस्ताव 2 | 04 नवीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए धनराशि 14,80,000 का आवंटन। |
प्रस्ताव 3 | जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई कार्यालय में 02 कम्प्यूटर मॉनीटर और 02 एचपी प्रिंटर खरीद की मंजूरी। |
प्रस्ताव 4 | मॉडल इम्यूनाइजेशन सेंटर की स्थापना के लिए धनराशि आवंटन। |
अस्पतालों में सुधार की दिशा में निर्णय
जिलाधिकारी ने अस्पतालों में सुधार के लिए भी कई दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सभी सरकारी अस्पतालों के कर्मचारियों को पहचान पत्र जारी करने के निर्देश दिए और जिला अस्पताल के आवासीय परिसर में अनधिकृत रूप से रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, लोहिया अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं की जांच के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई।
- स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी द्वारा लिए गए फैसले इस बात का संकेत हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में कार्यवाही तेज हो सकती है। अब देखना होगा कि इन निर्देशों का अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर क्या असर पड़ता है।
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