क्या गौतम गंभीर BCCI की 'समझौता' पसंद थे? रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
गौतम गंभीर को राहुल द्रविड़ के बाद भारतीय पुरुष सीनियर टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन हालिया प्रदर्शन ने उनके कोचिंग करियर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, गंभीर बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे और यह नियुक्ति मजबूरी में की गई। भारतीय टीम के प्रदर्शन में गिरावट और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के लिए कठिन स्थिति ने उनके भविष्य को अनिश्चित बना दिया है।

INDC Network : क्रिकेट : गौतम गंभीर को जब भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया, तो इसे एक नए युग की शुरुआत माना गया। आईपीएल में उनकी कप्तानी और मेंटरशिप के अनुभव ने उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाया।
लेकिन एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के मुताबिक, गंभीर बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे। पहले वीवीएस लक्ष्मण और एक टॉप विदेशी कोच को यह भूमिका ऑफर की गई थी, लेकिन उनके इनकार के बाद गंभीर का चयन किया गया।
बीसीसीआई अधिकारी का बयान:
“गंभीर बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे। कई प्रसिद्ध विदेशी नाम तीनों फॉर्मेट में कोचिंग नहीं करना चाहते थे। गंभीर का चयन मजबूरी में हुआ,” – वरिष्ठ बीसीसीआई अधिकारी (नाम न बताने की शर्त पर)।
प्रदर्शन की पड़ताल: गंभीर का रिपोर्ट कार्ड
गंभीर के कोच बनने के बाद भारतीय टीम के प्रदर्शन को टेबल के माध्यम से समझा जा सकता है।
सीरीज | फॉर्मेट | परिणाम | मुख्य कोच |
---|---|---|---|
श्रीलंका बनाम भारत | वनडे | भारत 0-1 से हारा | गौतम गंभीर |
श्रीलंका बनाम भारत | टी20 | भारत 2-1 से जीता | गौतम गंभीर |
बांग्लादेश बनाम भारत | टेस्ट | भारत 2-0 से जीता | गौतम गंभीर |
न्यूजीलैंड बनाम भारत | टेस्ट | भारत 0-3 से हारा | गौतम गंभीर |
दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत | टी20 | भारत 1-0 से जीता | वीवीएस लक्ष्मण |
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी | टेस्ट | भारत 1-2 से पीछे | गौतम गंभीर |
क्या गंभीर का भविष्य खतरे में है?
भारतीय टीम ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन इसके बाद न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खराब प्रदर्शन ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल की संभावनाओं को कमजोर कर दिया है।
वर्तमान में, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में भारत 1-2 से पीछे है। गंभीर को अब अगले चैंपियंस ट्रॉफी (फरवरी-मार्च 2025) तक अपनी कोचिंग की उपयोगिता साबित करनी होगी।
मुख्य चुनौती:
- लगातार अच्छा प्रदर्शन न कर पाना।
- विपक्षी टीमों के खिलाफ कमजोर रणनीति।
- खिलाड़ियों के फॉर्म में अस्थिरता।
कोचिंग में अनुभव की कमी या रणनीतिक मजबूरी?
गंभीर ने आईपीएल में कप्तान और मेंटर के रूप में सफलता पाई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कोचिंग का उनका कोई अनुभव नहीं है। बीसीसीआई ने उन्हें एक 'समझौता' उम्मीदवार के रूप में चुना, लेकिन गंभीर पर अब दबाव है कि वह अपनी जगह को साबित करें।
क्या हो सकते हैं गंभीर के लिए संभावित विकल्प?
- बेहतर रणनीति बनाना।
- खिलाड़ियों को मनोवैज्ञानिक तौर पर मजबूत बनाना।
- विपक्षी टीमों की गहरी अध्ययन कर गेम प्लान बनाना।
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