कश्मीर: इतिहास, संस्कृति और अनुच्छेद 370 पर अमित शाह ने नाम बदलने के लिए कहा
गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर जोर दिया, अनुच्छेद 370 के हटने के बाद घाटी में आए बदलावों को रेखांकित किया, और महर्षि कश्यप के कश्मीर से संबंध पर चर्चा की। उन्होंने इतिहासकारों से तथ्य आधारित इतिहास लिखने की अपील की और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया।

INDC Network : नई दिल्ली : कश्मीर: इतिहास, संस्कृति और अनुच्छेद 370 पर अमित शाह का स्पष्ट संदेश
कश्मीर का नाम: महर्षि कश्यप की कहानी
कश्मीर का नाम महर्षि कश्यप के नाम पर आधारित हो सकता है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, महर्षि कश्यप, जो ब्रह्मा के मानस पुत्र मरीची के पुत्र थे, ने कश्मीर में तपस्या की। कश्यप ऋषि की 17 पत्नियां थीं, जिनसे कई प्रजापति उत्पन्न हुए। कश्मीर के पहले राजा भी महर्षि कश्यप माने जाते हैं। ग्रंथों में यह भी उल्लेख है कि कश्मीर घाटी में सबसे पहले कश्यप समाज ही बसता था।
महर्षि कश्यप और कश्मीर | विवरण |
---|---|
माता | कला |
पिता | मरीची |
पत्नियां | 17 |
योगदान | कश्यप सहिंता, स्मृति ग्रंथ |
तपस्या स्थल | कश्मीर |
अनुच्छेद 370: एक मिथक का अंत
अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 ने कश्मीर और भारत के संबंध को अस्थायी बनाने का मिथक फैलाया। 2019 में इसे हटाने के बाद आतंकवाद में 70% की कमी आई है। पीएम मोदी ने 80,000 करोड़ रुपये का पैकेज घाटी के विकास के लिए जारी किया। शाह के अनुसार, यह धारा घाटी में अलगाववाद के बीज बोती थी, जो बाद में आतंकवाद में बदल गया।
भारत का भू-सांस्कृतिक दृष्टिकोण
अमित शाह ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र भू-सांस्कृतिक देश है। कश्मीर से कन्याकुमारी और गांधार से ओडिशा तक, भारत की संस्कृति ने देश को जोड़ा है। भारत को समझने के लिए उसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को सही तरीके से पेश करने की आवश्यकता है।
8000 वर्षों का इतिहास: पुस्तक का विमोचन
गृह मंत्री ने 'जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख थ्रू द एजेस' पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक में कश्मीर के 8000 वर्षों के इतिहास को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया गया है। इसमें प्राचीन मंदिरों, बौद्ध यात्रा, संस्कृत भाषा, और डोगरा शासन तक का उल्लेख है। यह पुस्तक कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा सिद्ध करने के लिए ठोस प्रमाण प्रस्तुत करती है।
कश्मीर की भाषाओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास
पीएम मोदी ने कश्मीर में बोली जाने वाली भाषाओं को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। अमित शाह ने कहा कि भाषाओं को महत्व देने का यह प्रयास देश की सांस्कृतिक समृद्धि को बनाए रखने का संकेत है।
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