कासगंज में स्कूलों की मनमानी खत्म! अब हर साल नहीं बदलेगी यूनिफॉर्म, होगी सख्त कार्रवाई
कासगंज में शिक्षा को व्यापार बनने से रोकने के लिए जिलाधिकारी मेधा रूपम ने बड़ा कदम उठाया है। अब जिले में हर साल यूनिफॉर्म नहीं बदली जाएगी, किताबों और फीस के रेट तय होंगे। सभी स्कूलों को सीसीटीवी लगाना अनिवार्य किया गया है और मनमानी फीस वसूलने पर सख्त कार्रवाई होगी।

INDC Network : कासगंज, उत्तर प्रदेश : जिलाधिकारी का बड़ा आदेश: शिक्षा को व्यापार बनने से रोकने की पहल
कासगंज में अब शिक्षा के नाम पर लूट नहीं चलेगी। जिलाधिकारी मेधा रूपम ने एक ऐतिहासिक और कड़ा फैसला लेते हुए स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की शुरुआत की है। मंगलवार को जिले के सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों के साथ हुई बैठक में उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
हर साल नहीं बदलेगी यूनिफॉर्म: माता-पिता को मिलेगी राहत
बैठक में डीएम ने स्पष्ट कर दिया कि जिले के किसी भी स्कूल में अब हर साल यूनिफॉर्म बदली नहीं जाएगी। यह कदम खास तौर पर उन अभिभावकों के लिए राहत लेकर आया है, जो हर साल नई ड्रेस और किताबों का खर्च उठाने को मजबूर थे।
फीस और किताबों के रेट होंगे तय: शिक्षा समिति करेगी निगरानी
डीएम मेधा रूपम ने बताया कि जिले में एक शिक्षा समिति का गठन किया गया है, जो स्कूलों द्वारा तय की गई फीस, किताबों और स्टेशनरी के दामों की समीक्षा करेगी। सभी स्कूलों को अपनी फीस की जानकारी जिला विद्यालय निरीक्षक के कार्यालय में जमा करनी होगी।
किताबों और स्टेशनरी के कच्चे बिल पर रोक, सीसीटीवी अनिवार्य
स्कूलों द्वारा किताबों और स्टेशनरी का कच्चा बिल देने की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगाया गया है। साथ ही, सभी स्कूल परिसरों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
मनमानी पर कड़ी कार्रवाई: तय फीस से अधिक वसूली पर होगा एक्शन
डीएम ने चेतावनी दी है कि यदि कोई स्कूल निर्धारित फीस से अधिक वसूली करता है या यूनिफॉर्म बदलने जैसे नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अधिकतर स्कूल ट्रस्ट के नाम पर चल रहे हैं, लेकिन शिक्षा को व्यापार नहीं बनने दिया जाएगा।
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