प्राचीन योद्धा बर्बरीक का आशीर्वाद: फर्रुखाबाद में खाटू श्याम जन्मोत्सव पर भव्य भंडारा एवं भजन संध्या
फर्रुखाबाद में खाटू श्याम का जन्मोत्सव भक्तों ने भव्य भंडारा और भजन संध्या के साथ मनाया। कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को आयोजित इस उत्सव में भक्तों ने खाटू श्याम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। मान्यता है कि खाटू श्याम, महाभारत काल के वीर बर्बरीक का अवतार हैं, जिनके अद्वितीय बलिदान की पूजा हर साल खाटू मंदिर में होती है।
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INDC Network : फर्रुखाबाद : प्राचीन योद्धा बर्बरीक का आशीर्वाद: फर्रुखाबाद में खाटू श्याम जन्मोत्सव पर भव्य भंडारा एवं भजन संध्या
खाटू श्याम जन्मोत्सव का उत्साह
फर्रुखाबाद में खाटू श्याम के जन्मोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। भक्तों ने भव्य भंडारे का आयोजन किया और भजन गायन की प्रस्तुतियों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। खाटू श्याम मंदिर, नया कोटा पारचा, और लोहाई रोड पर आयोजित इस महोत्सव में श्याम प्रेमियों की भारी भीड़ देखी गई, जहां हर भक्त ने बाबा श्याम के प्रति अपनी अटूट आस्था व्यक्त की।
खाटू श्याम की पौराणिक गाथा
खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारस तिथि, यानी एकादशी पर मनाया जाता है। कहा जाता है कि बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, खाटू श्याम पांडव पुत्र भीम के पौत्र बर्बरीक हैं, जो अपनी वीरता और भक्ति के कारण विख्यात हैं। कुरुक्षेत्र युद्ध में उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के आदेश पर अपना शीश गुरु दक्षिणा के रूप में अर्पित किया था, जो आज खाटू मंदिर में स्थापित है।
खाटू श्याम मंदिर की महत्ता
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु खाटू श्याम जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में बर्बरीक का सिर रखा गया है, जिनकी पूजा कुलदेवता के रूप में की जाती है।
खाटू श्याम के जन्मदिवस पर क्या खास होता है ?
- खाटू श्याम का जन्मदिवस, जिसे खाटू श्याम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, भक्तों के लिए बेहद खास होता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है। माना जाता है कि खाटू श्याम जी, महाभारत काल के वीर बर्बरीक का अवतार हैं, जो पांडव पुत्र भीम के पौत्र थे। उनकी अद्वितीय भक्ति और बलिदान के लिए लोग उन्हें श्रद्धा से पूजते हैं।
- इस दिन खाटू श्याम के मंदिरों में विशेष पूजा, हवन, और भजन संध्याओं का आयोजन किया जाता है। भक्तजन खाटू श्याम के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करने के लिए नाचते-गाते हैं और भक्ति गीतों का आनंद लेते हैं। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम का मुख्य मंदिर इस अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ से भर जाता है। यहाँ भक्त दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े होते हैं, और मंदिर में विशेष रूप से सजावट की जाती है।
- जन्मोत्सव के दौरान भंडारे का आयोजन भी होता है, जिसमें भक्तों के लिए प्रसाद और भोजन की व्यवस्था की जाती है। यह दिन भक्ति, प्रेम, और सेवा का प्रतीक माना जाता है, जिसमें हर भक्त खाटू श्याम जी का आशीर्वाद पाने के लिए उमड़ता है।
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