“बंटेंगे तो कटेंगे”: महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव में तकरार, CM योगी का कांग्रेस अध्यक्ष पर सीधा हमला, जानिए क्या है वजह
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ गूंज रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन के साथ इस नारे का इस्तेमाल भाजपा का एक प्रमुख चुनावी रणनीति बन गया है। विपक्षी दल, विशेष रूप से कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, इस नारे को सांप्रदायिक और संविधान-विरोधी बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं। दोनों पक्षों के नेताओं के बीच तीखे हमले और जवाबी हमले हो रहे हैं। 20 नवंबर को महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावी फैसले के लिए मतदान होगा, जिसका परिणाम 23 नवंबर को आएगा।

INDC Network :उत्तर प्रदेश : “बंटेंगे तो कटेंगे”: महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव में तकरार, CM योगी का कांग्रेस अध्यक्ष पर सीधा हमला, जानिए क्या है वजह
बंटेंगे तो कटेंगे' पर तीखी बयानबाजी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे "बंटेंगे तो कटेंगे" ने महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस नारे का समर्थन किया है और इसे अपने चुनावी अभियानों का हिस्सा बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन से यह नारा भाजपा के चुनाव प्रचार में प्रमुखता से शामिल हो गया है।
विपक्ष का विरोध और कांग्रेस का जवाबी हमला
विपक्षी दल कांग्रेस इस नारे पर आपत्ति जताते हुए इसे संविधान के खिलाफ बता रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हर चुनावी रैली में इस नारे पर तीखा हमला किया है। खड़गे ने झारखंड में अपनी एक जनसभा में कहा कि यह नारा सांप्रदायिक हिंसा का प्रतीक है और इसमें आतिवादी भाषा का उपयोग किया गया है। खड़गे ने सवाल किया, "साधु-संत सभी के लिए होते हैं, तो फिर ये बांटने और काटने की बात क्यों?" उन्होंने योगी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए कहा कि इस प्रकार के बयान एक आतंक फैलाने का काम करते हैं, जिसे एक मठ के महंत नहीं कह सकते।
सीएम योगी का पलटवार: निजाम के रजाकारों की बात
कांग्रेस अध्यक्ष के इन आरोपों का जवाब देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के अचलपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए खड़गे के अतीत का जिक्र किया। योगी ने कहा कि खड़गे की मां, चाची, और बहन को हैदराबाद के निजाम के रजाकारों द्वारा जलाया गया था, लेकिन खड़गे इसे कभी सार्वजनिक रूप से नहीं बताते क्योंकि उन्हें डर है कि इससे उनके वोटबैंक पर असर पड़ सकता है। योगी ने खड़गे को सलाह दी कि वे निजाम पर गुस्सा करें, जिन्होंने उनके गांव में हिंदुओं की निर्मम हत्या की थी, न कि भाजपा पर।
चुनावी माहौल और वोटिंग की तारीखें
इस तकरार के बीच, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव प्रचार के लिए गहमागहमी अपने चरम पर है। दोनों राज्यों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है, और चुनाव प्रचार में मुख्य मुद्दों से हटकर इस नारे की गूंज बढ़ गई है। महाराष्ट्र और झारखंड में 20 नवंबर को मतदान होना है, जबकि झारखंड में दो चरणों में, 13 और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे, जो यह तय करेगा कि 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा भाजपा के लिए कितना प्रभावी साबित हुआ है।
What's Your Reaction?






