कानपुर में मलबे में 8 घंटे दबा रहा बेटा, मां को सुबह मिली लाश
कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में एक युवक की मलबे में दबकर मौत हो गई। रात को सोते समय कमरे की छत गिर गई, जिससे वह दब गया। परिवार को सुबह हादसे का पता चला जब मां ने बेटे को मलबे में दबा पाया। युवक 8 घंटे तक मलबे में दबा रहा। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

INDC Network : कानपुर, उत्तर प्रदेश : कानपुर में रविवार सुबह का नज़ारा एक मां के लिए कभी न भूलने वाला बन गया। बर्रा थाना क्षेत्र स्थित ईडब्ल्यूएस डबल स्टोरी कॉलोनी में रहने वाले 35 वर्षीय मोनू तिवारी की रात को सोते समय मकान की छत गिरने से मौत हो गई। हैरानी की बात ये रही कि मोनू पूरे 8 घंटे तक मलबे में दबा रहा और किसी को इसका पता तक नहीं चला। जब परिवार सुबह उठकर छत पर गया, तब जाकर इस भयानक हादसे का खुलासा हुआ।
पीड़ित परिवार की मां पुष्पा देवी ने बताया कि उनके पति की पहले ही मौत हो चुकी है। उनके दोनों बेटे सौरभ और मोनू उनके साथ रहते हैं। मोनू अविवाहित था और एक निजी कंपनी में काम करता था। शुक्रवार रात तेज आंधी के कारण पड़ोसी मनोज शर्मा के निर्माणाधीन मकान की तीसरी मंजिल की दीवार उनके मकान की छत पर आ गिरी थी। हालांकि शनिवार को दिन भर मलबा पड़ा रहा, लेकिन किसी ने अंदेशा नहीं किया कि यह कितना खतरनाक साबित हो सकता है।
शनिवार रात करीब 10 बजे मोनू खाना खाने के बाद ऊपर की मंजिल पर बने कमरे में सोने चला गया। रात के 11 से 12 बजे के बीच कमरे की छत अचानक भरभराकर गिर गई। लेकिन पुष्पा देवी को लगा कि यह गिरावट पड़ोसी के निर्माण कार्य से संबंधित होगी और वे सो गईं।
सुबह 8 बजे जब सौरभ छत पर गया, तो दूसरी मंजिल पर बने कमरे की छत टूटी हुई दिखी। मलबा हटाने पर मोनू का शव नीचे दबा मिला। आनन-फानन में उसे बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
मोनू की मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। मां बेसुध हो गईं, वहीं भाई और भाभी का रो-रोकर बुरा हाल है। एक सामान्य सी आंधी और लापरवाही ने एक ज़िंदग़ी छीन ली। इस हादसे ने इलाके में भी अफरा-तफरी मचा दी है और अब निर्माणाधीन मकानों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
पुलिस अब मामले की जांच कर रही है कि क्या पड़ोसी की दीवार गिरना ही इस मौत की वजह बना, और यदि हां, तो इसमें लापरवाही का दोष किस पर बनता है।
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