दिल्ली हार के बाद केजरीवाल का बड़ा फैसला : पंजाब के विधायको की दिल्ली में मीटिंग
दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब पार्टी के भविष्य की रणनीति तय करने में जुट गए हैं। मंगलवार को वे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्य के मंत्रियों और आप विधायकों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक को पंजाब इकाई में बढ़ते असंतोष और नेतृत्व को लेकर जारी चर्चाओं के बीच अहम माना जा रहा है।

INDC Network : नई दिल्ली, भारत : दिल्ली विधानसभा में हुई बड़ी हार के बाद आम आद्मी पार्टी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के विधायक विधायकों के साथ बैठक रखी है। यह बैठक पार्टी के भविष्य में बढ़ती गोतापुर्णता और अंतरिक मान्यों को लेकर हुई है।
प्रस्थित परिणाम
घटना | विवरण |
---|---|
दिल्ली चुनाव में की बड़ी हार | भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीती, आप को मिली केवल 22 सीटें |
पंजाब में बुरी गोतापुर्णता | कुछ विधायक नाराज नहीं, केजरीवाल की नेतृतव पर सवाल लगा |
नाया योजना | पार्टी ने 2027 में होने वाले पंजाब चुनाव की योजनाक योजना |
प्रमुख प्रश्न
- आप ने दिल्ली चुनाव में खराब की |
- पार्टी के भीतरीतरा में खमि |
- पंजाब में भी अंतरिक मान्य को लेकर चर्चा |
AAP में अंदरूनी कलह या रूटीन रणनीति बैठक?
दिल्ली में मिली हार के बाद पार्टी के भीतर असंतोष की अटकलें तेज हो गई हैं। खासकर पंजाब इकाई में कुछ विधायकों की नाराजगी की खबरें सामने आई हैं। हालांकि, AAP सांसद मलविंदर सिंह कंग ने इसे केवल एक "रूटीन रणनीति बैठक" करार दिया और कहा कि पार्टी हमेशा फीडबैक के आधार पर अपनी आगे की नीतियां तय करती है।
"पार्टी एक सतत प्रक्रिया है। सभी इकाइयों से फीडबैक लिया जाता है ताकि भविष्य की रणनीतियों को आकार दिया जा सके। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और AAP विधायक अरविंद केजरीवाल से मिलकर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे," कंग ने कहा।
दिल्ली की हार से पंजाब चुनाव की रणनीति तक
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दिल्ली चुनाव में मिली हार के कारणों का विश्लेषण करना और पंजाब विधानसभा चुनाव 2027 की रणनीति तैयार करना है। खबरों के मुताबिक, बैठक में दिल्ली चुनावी नतीजों की गहराई से समीक्षा होगी और पार्टी की पंजाब में स्थिति को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा होगी।
AAP ने दिल्ली में पिछले एक दशक से शासन किया था, लेकिन 8 फरवरी को आए चुनावी नतीजों में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर उसका किला ध्वस्त कर दिया, जबकि केजरीवाल की पार्टी सिर्फ 22 सीटें जीत सकी।
पंजाब में AAP के लिए खतरे की घंटी?
2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर 117 में से 92 सीटें अपने नाम की थीं। लेकिन ताजा घटनाक्रमों ने पार्टी के भीतर मतभेद की अटकलों को जन्म दे दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के कुछ विधायक दिल्ली नेतृत्व के दखल से नाखुश हैं और इस पर पुनर्विचार की मांग कर सकते हैं। हालांकि, AAP नेतृत्व इस तरह की चर्चाओं से इनकार कर रहा है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या AAP पंजाब में भी अपने प्रभाव को बनाए रख पाएगी?
दिल्ली चुनाव में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी के लिए यह एक अहम मोड़ है। पंजाब इकाई में अंदरूनी कलह की अटकलों के बीच केजरीवाल और भगवंत मान की यह बैठक पार्टी के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। अब देखना होगा कि इस रणनीति बैठक से पार्टी को क्या दिशा मिलती है और क्या यह AAP की पंजाब में स्थिति को और मजबूत कर पाएगी।
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