केशव मौर्य ने संतों और भाषाई मर्यादा के खिलाफ टिप्पणी को लेकर अखिलेश यादव की आलोचना की
उत्तर प्रदेश में गरमागरम राजनीतिक बहस में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ और संत समुदाय को परोक्ष रूप से निशाना बनाने वाली सपा प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणी की तीखी आलोचना की। मौर्य ने अखिलेश पर भाषा की मर्यादा भूलने का आरोप लगाया और संत समुदाय और उत्तर प्रदेश के लोगों का अपमान करने वाले बयानों के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने की मांग की। यह मौखिक युद्ध तब शुरू हुआ जब अखिलेश ने "पुजारी और माफिया" के बीच अंतर न करने वाली टिप्पणी की, जिसके बाद सीएम योगी ने प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिन्होंने अखिलेश पर भारत की संत परंपरा पर हमला करने का आरोप लगाया। आगामी चुनावों से पहले इस बहस ने राज्य में राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है।

INDC Network : उत्तर प्रदेश : राजनीति : यूपी में राजनीतिक तनाव बढ़ा : अखिलेश के बयान पर मौर्य का कड़ा जवाब
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग जारी है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस जंग में शामिल होकर समाजवादी पार्टी (एसपी) प्रमुख पर उनके हालिया बयान के लिए तीखा हमला बोला है।
विवाद अखिलेश के उस बयान से उपजा है, जिसमें उन्होंने सीएम योगी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा था, "पुजारी और माफिया में कोई अंतर नहीं है।" इस टिप्पणी ने राजनीतिक परिदृश्य को हिलाकर रख दिया, जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पलटवार किया। योगी ने कहा, "माफिया और दंगाइयों के सामने घुटने टेकने वाला व्यक्ति अब भारत की संत परंपरा का अपमान कर रहा है। उनका व्यवहार उनके संस्कारों को दर्शाता है। ऐसा लगता है कि उनमें औरंगजेब की आत्मा प्रवेश कर गई है, जो उन्हें हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रेरित कर रही है।"
इस पलटवार के बाद अखिलेश चुप नहीं रहे। शुक्रवार को उन्होंने एक बार फिर सीएम योगी पर सीधे नाम लिए बिना हमला करते हुए कहा, "सच्चे संत की पहचान उनकी भाषा से होती है, जबकि कुछ धूर्त लोग साधुओं का वेश धारण कर घूमते हैं।" केशव मौर्य ने इस टिप्पणी को आड़े हाथों लेते हुए अखिलेश पर न केवल संतों का अपमान करने बल्कि भाषा की मर्यादा लांघने का आरोप लगाया। शुक्रवार को एक कड़े बयान में मौर्य ने कहा, "कांग्रेस का मोहरा और राहुल गांधी का दरबारी बनकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव भाषा की मर्यादा भूल गए हैं। उनके बयान न केवल संत समाज का बल्कि प्रदेश की 25 करोड़ जनता का अपमान है।" मौर्य ने आगे मांग की कि अखिलेश अपनी आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। उन्होंने कहा कि ऐसी भाषा अंततः समाजवादी पार्टी के पतन का कारण बनेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि संतों और उत्तर प्रदेश की जनता का अपमान करने के गंभीर राजनीतिक परिणाम होंगे। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में पहले से ही गरमाए माहौल को इस जुबानी जंग ने और तेज कर दिया है। दोनों पक्ष आगामी चुनावों के लिए कमर कस रहे हैं। चल रही बातचीत सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी सपा के बीच गहरे तनाव को दर्शाती है, क्योंकि वे शासन, धर्म और नेतृत्व शैली के मुद्दों पर टकराव जारी रखते हैं।
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