रवि शास्त्री ने विराट कोहली को ऑफ-स्पिन की चुनौती से निपटने के लिए दिया दृढ़ सुझाव
रवि शास्त्री ने संघर्ष कर रहे विराट कोहली को सुझाव दिया है कि वह ऑफ-स्पिन के खिलाफ अपनी परेशानी का समाधान खोजें। कोहली को टेस्ट क्रिकेट में 39 बार ऑफ-स्पिन पर आउट किया जा चुका है, जिससे यह उनकी कमजोरियों में से एक बन गया है। कोहली के इस आउट होने का पैटर्न उनके करियर में बाधा डाल रहा है, विशेष रूप से हाल के वर्षों में। शास्त्री ने कोहली को सलाह दी कि वह स्पिनरों को नियंत्रित करने के लिए आक्रामक दृष्टिकोण अपनाएं, अपने पैरों का अधिक उपयोग करें और स्वीप शॉट या ओवर द टॉप खेलने से न डरें। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोहली को अपने आउट होने के इस पैटर्न से बाहर निकलने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करना चाहिए।

INDC Network : खेल : रवि शास्त्री ने संघर्ष कर रहे विराट कोहली को ऑफ-स्पिन के खिलाफ उनके हालिया प्रदर्शन के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। शास्त्री का मानना है कि विराट कोहली, जो कई बार ऑफ-स्पिनरों के खिलाफ आउट हो चुके हैं, को अपनी बल्लेबाजी में थोड़ा और बदलाव करना चाहिए ताकि वह इस चुनौती से निपट सकें।
विराट कोहली और ऑफ-स्पिन का संघर्ष : विराट कोहली की ऑफ-स्पिनरों के खिलाफ कमजोरियां अब कोई नई बात नहीं हैं। चाहे वो ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंद हो या फिर स्पिनर की गेंदों पर विकेट गंवाना, यह समस्या उनके करियर में बार-बार उभरती रही है। हाल ही में जब वह सात महीने बाद टेस्ट क्रिकेट में लौटे, तो एक बार फिर ऑफ-स्पिन ने उन्हें परेशान किया। पहली पारी में वह ऑफ-स्पिनर की गेंद को छेड़ने की कोशिश में आउट हो गए, जबकि दूसरी पारी में फुल-लेंथ गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए। खास बात यह रही कि उन्होंने डीआरएस का इस्तेमाल नहीं किया, जबकि गेंद बल्ले पर लगने का संकेत था।

कोहली अब तक टेस्ट क्रिकेट में 39 बार ऑफ-स्पिनरों के हाथों आउट हो चुके हैं। इसमें नाथन लियोन, मोईन अली और ग्रीम स्वान जैसे नामचीन स्पिनरों का नाम शामिल है, जिन्होंने कोहली के खिलाफ बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। कोहली की इन कमजोरियों को लेकर शास्त्री ने सुझाव दिया कि उन्हें एक रास्ता निकालना होगा और इस समस्या से उबरने के लिए उपाय ढूंढ़ने होंगे।
शास्त्री का दृष्टिकोण और सलाह : शास्त्री का मानना है कि कोहली, जो अपनी पीढ़ी के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं, को तकनीकी सुधार से ज्यादा मानसिक तौर पर बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कमेंट्री के दौरान कहा, "विराट कोहली ने पिछले 2-3 सालों में स्पिनरों के सामने कई बार आउट हुए हैं, लेकिन उन्होंने इसके साथ-साथ काफी रन भी बनाए हैं। वह जब अपने खेल के शीर्ष पर थे, तब उन्होंने स्पिनरों को काफी अच्छी तरह से संभाला था।"
शास्त्री ने सुझाव दिया कि कोहली को अपने पैरों का इस्तेमाल करना चाहिए और गेंद की पिच तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोहली को स्वीप शॉट का इस्तेमाल करने से डरना नहीं चाहिए और स्पिनरों को दबाव में रखने के लिए कुछ नए तरीकों का प्रयास करना चाहिए। शास्त्री का कहना है कि कोहली को स्पिनरों को हावी होने देने के बजाय उनके खिलाफ आक्रामक रुख अपनाना चाहिए।
कोहली का आउट होने का पैटर्न : शास्त्री ने कोहली के आउट होने के पैटर्न पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोहली को इस पर विचार करना चाहिए कि वे बार-बार एक ही तरह से आउट क्यों हो रहे हैं। कई बार ऐसा होता है कि गेंद नीची रह जाती है या फिर दुर्भाग्यवश अंपायर का फैसला उनके खिलाफ चला जाता है, लेकिन ये सच्चाई है कि ऑफ-स्पिन ने उन्हें कई बार परेशान किया है। शास्त्री ने जोर दिया कि कोहली को इस चुनौती से निपटने का उपाय ढूंढ़ना चाहिए और यह देखना चाहिए कि उनके लिए क्या कारगर है और उसी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
भारत में पिचों की चुनौती : शास्त्री ने यह भी बताया कि भारत में पिचों का हाल भी बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। कई पिचें आसान नहीं होतीं, जिससे बल्लेबाजों को और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। उन्होंने शुभमन गिल के एक अजीबोगरीब आउट होने का उदाहरण दिया, जिसमें वह लेग वाइड पर कैच आउट हो गए थे।
शास्त्री का मानना है कि इस तरह की परिस्थितियां सभी बल्लेबाजों के सामने आती हैं, लेकिन फर्क इस बात से पड़ता है कि बल्लेबाज इन चुनौतियों से कैसे निपटता है। उन्होंने कोहली से आग्रह किया कि वे अपनी कमजोरियों का विश्लेषण करें और उन पर काम करें।
निष्कर्ष : विराट कोहली, जो भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में से एक हैं, को अपने खेल में सुधार करने के लिए रवि शास्त्री की सलाह को गंभीरता से लेना चाहिए। शास्त्री का मानना है कि कोहली को ऑफ-स्पिन के खिलाफ अपनी कमजोरियों पर काम करना चाहिए और इसके लिए अपने खेल में कुछ नए आयाम जोड़ने की जरूरत है।
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