योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान: जानिए भगदड़ का अधिक प्रचार क्यों नहीं होने दिया गया?

महा कुंभ 2025 में 29 जनवरी को हुई भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने तुरंत हालात को नियंत्रित किया और घायलों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि "घटना का अत्यधिक प्रचार नहीं होने दिया गया" ताकि अफरा-तफरी और भय की स्थिति न बने। उन्होंने कुंभ मेले के सफल आयोजन और भीड़ प्रबंधन के नए मानकों पर भी चर्चा की।

Mar 4, 2025 - 09:44
Mar 4, 2025 - 09:52
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योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान:  जानिए भगदड़ का अधिक प्रचार क्यों नहीं होने दिया गया?

INDC Network : लखनऊ, उत्तर प्रदेश : योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान:  जानिए भगदड़ का अधिक प्रचार क्यों नहीं होने दिया गया?


योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान: भगदड़ का अधिक प्रचार क्यों नहीं होने दिया गया?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महा कुंभ 2025 में 29 जनवरी को संगम घाट पर हुई भगदड़ को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद राज्य सरकार ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया और पीड़ितों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई।

लखनऊ में आईआईएम और भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "हमने इस घटना को अधिक प्रचारित नहीं होने दिया क्योंकि उस समय प्रयागराज में 8 करोड़ श्रद्धालु और साधु-संत मौजूद थे। अधिक हाइलाइट होने से स्थिति और बिगड़ सकती थी।"

इस घटना में 30 लोगों की मौत और 60 से अधिक लोग घायल हुए थे।


भगदड़ के पीछे की वजह और प्रशासन का त्वरित निर्णय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों में दो प्रमुख चुनौतियाँ होती हैं:

  1. अखाड़ों के स्नान क्रम को तय करना, क्योंकि इसको लेकर अक्सर विवाद होते रहे हैं।
  2. निर्धारित समय (सुबह 4 बजे) पर स्नान को सुचारू रूप से संपन्न कराना।

इस भगदड़ के बावजूद, सभी अखाड़े स्नान के लिए तैयार थे। लेकिन प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इसे स्थगित कर दिया।

"मैंने व्यक्तिगत रूप से अखाड़ों से अनुरोध किया कि वे स्नान में देरी करें ताकि हालात सामान्य किए जा सकें," योगी आदित्यनाथ ने कहा। अधिकारियों ने तुरंत भीड़ को नियंत्रित किया, दोपहर तक संगम क्षेत्र खाली करवा दिया गया, और फिर 2:30 बजे से स्नान पुनः शुरू किया गया।


क्राइसिस मैनेजमेंट का उदाहरण बना महाकुंभ 2025

मुख्यमंत्री ने प्रभावी संकट प्रबंधन (Crisis Management) पर जोर देते हुए कहा, "कठिन परिस्थितियों में कई लोग घबरा जाते हैं, लेकिन सशक्त नेतृत्व वह होता है जो धैर्य और संयम से फैसले ले।"

उन्होंने 2019 के कुंभ मेले का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे प्रशासन ने उस समय अंतरराष्ट्रीय मीडिया और यूनेस्को की छवि को बदलने के लिए सफाई अभियान चलाया।

2013 के कुंभ में प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 42 लोगों की मौत हुई थी। "हमने इससे सीखा और 9 रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डे का विस्तार किया," उन्होंने कहा।


महा कुंभ 2025: ऐतिहासिक भीड़ और प्रबंधन की नई रणनीति

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इस बार कुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जो अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा था।

प्रयागराज के अलावा, मिर्जापुर, भदोही, कौशांबी, जौनपुर, फतेहपुर, प्रतापगढ़, चित्रकूट और रायबरेली जैसे आसपास के जिलों में पार्किंग और ठहरने की व्यवस्था की गई थी।

उन्होंने कहा, "2019 की तुलना में इस बार भीड़ दोगुनी होने का अनुमान था, लेकिन वास्तविक संख्या सभी रिकॉर्ड तोड़ गई। इससे कुंभ क्षेत्र का विस्तार और अधिक सुविधाएँ जुटाना जरूरी हो गया।"


योगी आदित्यनाथ ने याद किया 2013 का कुंभ और विदेशी मेहमानों की नाराजगी

योगी आदित्यनाथ ने एक किस्सा साझा करते हुए बताया कि 2013 के कुंभ में मॉरीशस के प्रधानमंत्री आए थे, लेकिन गंगा में स्नान करने की बजाय केवल पूजा करके लौट गए क्योंकि पानी गंदा था।

"यह हमारे लिए एक बड़ा सबक था। 2019 में हमने सुनिश्चित किया कि गंगा और यमुना में एक भी बूंद सीवेज न गिरे," उन्होंने कहा।

"कानपुर में पहले 4 करोड़ लीटर सीवेज गंगा में गिरता था, लेकिन हमने इसे 3 साल पहले रोक दिया। आज एक भी बूंद गंगा में नहीं जाती," मुख्यमंत्री ने कहा।


महा कुंभ का आर्थिक प्रभाव और भारत की वैश्विक छवि

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महा कुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि इसका आर्थिक प्रभाव भी है।

"कुंभ मेले से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। इससे पर्यटन, होटल, परिवहन और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है," उन्होंने कहा।

2025 के कुंभ के दौरान

  • राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और 74 विदेशी राजदूतों ने भाग लिया।
  • 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, 12 विदेश मंत्री, भूटान के राजा, फिल्म सितारे और क्रिकेटर शामिल हुए।
  • यूनेस्को ने महाकुंभ के पर्यावरणीय प्रभाव का अध्ययन करने में रुचि दिखाई।

सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को नया रूप

उत्तर प्रदेश सरकार ने ₹7,500 करोड़ रुपये निवेश किए, जिसमें से ₹6,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च हुए।

"हमने अक्षयवट, सरस्वती कूप और महर्षि भारद्वाज से जुड़े 12 नए कॉरिडोर विकसित किए हैं," मुख्यमंत्री ने बताया।

उन्होंने कहा कि महाकुंभ "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" की भावना को मजबूत करता है और जाति, धर्म और भाषा से ऊपर उठकर सभी को एक साथ जोड़ता है।

"महा कुंभ धैर्य और अनुशासन सिखाता है। चाहे आस्था हो या अर्थव्यवस्था, ऐसे आयोजन भारत के विकास में योगदान देते हैं," योगी आदित्यनाथ ने कहा।


यह पूरी जानकारी राजीव कुमार शाक्य अध्यक्ष तथागत शिक्षा सेवा समिति पटियाली कासगंज ने दी

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Arpit Shakya Hello! My Name is Arpit Shakya from Farrukhabad (Uttar Pradesh), India. I am 18 years old. I have been working for INDC Network news company for the last 3 years. I am the founder and editor in chief of this company.