बौद्धों का महासंग्राम: महाबोधि महाविहार पर नियंत्रण के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू!

महाबोधि महाविहार पर बौद्ध समुदाय के नियंत्रण की मांग तेज हो गई है। ऑल इंडिया बौद्ध फोरम और अन्य बौद्ध संगठनों ने 12 फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा कर दी है। उनका कहना है कि बोधगया मंदिर अधिनियम, 1949 को समाप्त किया जाए और महाबोधि महाविहार का संपूर्ण नियंत्रण बौद्धों को सौंपा जाए। महासचिव आकाश लामा और चर्चित भंते विनाचार्य ने इस आंदोलन को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।

Feb 24, 2025 - 12:52
May 19, 2025 - 09:38
 0
बौद्धों का महासंग्राम: महाबोधि महाविहार पर नियंत्रण के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू!

INDC Network : बोधगया, बिहार : महाबोधि महाविहार पर बौद्ध समुदाय के नियंत्रण की मांग तेज हो गई है। ऑल इंडिया बौद्ध फोरम और अन्य बौद्ध संगठनों ने 12 फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा कर दी है। उनका कहना है कि बोधगया मंदिर अधिनियम, 1949 को समाप्त किया जाए और महाबोधि महाविहार का संपूर्ण नियंत्रण बौद्धों को सौंपा जाए। महासचिव आकाश लामा और चर्चित भंते विनाचार्य ने इस आंदोलन को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।

Advertisement Banner

आंदोलन की पृष्ठभूमि

बोधगया में स्थित महाबोधि महाविहार विश्वभर के बौद्धों के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है। लेकिन यह अभी भी गैर-बौद्ध प्रशासकों के नियंत्रण में है, जिसे लेकर बौद्ध समुदाय नाराज है। ऑल इंडिया बौद्ध फोरम और अन्य बौद्ध संगठनों ने इस मुद्दे पर दिल्ली के करोल बाग स्थित डॉ. अंबेडकर भवन में प्रेस वार्ता कर बोधगया मंदिर अधिनियम, 1949 को रद्द करने की मांग उठाई।

INDC Network Poster

प्रमुख मांगें

मांग विवरण
1. अधिनियम समाप्ति बोधगया मंदिर अधिनियम, 1949 को तुरंत खत्म किया जाए
2. नियंत्रण सौंपा जाए महाबोधि महाविहार का संपूर्ण नियंत्रण बौद्ध समुदाय को दिया जाए
3. व्यावसायीकरण रोका जाए इस पवित्र स्थल पर धार्मिक व्यवसायीकरण और अंधविश्वास को खत्म किया जाए

महासचिव आकाश लामा का बयान

बौद्ध फोरम के महासचिव आकाश लामा ने कहा:

"बोधगया, जो संपूर्ण विश्व के बौद्धों का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है, आज भी गैर-बौद्ध प्रशासकों के नियंत्रण में है। यह बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए अन्याय है। हमने देखा है कि वर्तमान प्रबंधन अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहा है और मंदिर का व्यवसायीकरण कर रहा है, जो बुद्ध के वैज्ञानिक और तर्कसंगत विचारों के खिलाफ है।"


चर्चित भंते विनाचार्य का संकल्प

भंते विनाचार्य, जो इस आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक हैं, ने स्पष्ट शब्दों में कहा:

*"अब चाहे प्राण चले जाएँ या मुकदमे ठोक दिए जाएँ, हम अपना महाबोधि मंदिर लेकर ही रहेंगे। इस महाबोधि मंदिर को पाने के लिए *चाहे हमें किसी भी हद तक जाना पड़े, हम पीछे नहीं हटेंगे।"


12 फरवरी से भूख हड़ताल शुरू

आंदोलन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:

  • 12 फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू हो चुकी है।

  • बोधगया मंदिर अधिनियम, 1949 को समाप्त करने की मांग।

  • महाबोधि महाविहार का संपूर्ण नियंत्रण बौद्ध समुदाय को सौंपने की अपील।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Arpit Shakya नमस्कार! मैं अर्पित शाक्य, INDC Network का मुख्य संपादक हूँ। मेरा उद्देश्य सूचनाओं को जिम्मेदारी और निष्पक्षता के साथ आप तक पहुँचाना है। INDC Network पर मैं स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों को आपकी भाषा में सरल, तथ्यपरक और विश्वसनीय रूप में प्रस्तुत करता/करती हूँ। पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा विश्वास है कि हर खबर का सच सामने आना चाहिए, और यही सोच मुझे जनहित से जुड़ी खबरों की तह तक जाने के लिए प्रेरित करती है। चाहे वह गाँव की आवाज़ हो या देश की बड़ी हलचल – मेरा प्रयास रहता है कि आपके सवालों को मंच मिले और जवाब मिलें। मैंने INDC Network को एक ऐसे डिजिटल मंच के रूप में तैयार किया है, जहाँ लोकल मुद्दों से लेकर ग्लोबल घटनाओं तक हर आवाज़ को जगह मिलती है। यहाँ मेरी प्रोफ़ाइल के माध्यम से आप मेरे द्वारा लिखे गए समाचार, लेख, इंटरव्यू और रिपोर्ट्स पढ़ सकते हैं।